अफगानिस्तान का आतंकवादी संगठन। तालिबान ने सरकार को सत्ता से बेदखल कर अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। अमेरिका, ब्रिटेन इत्यादि देशों की संयुक्त सेनाओं की मदद से तालिबान को सत्ता से बाहर किया गया। Read More
प्रांतीय काउंसिल के सदस्य सैफुल्लाह अमीरी ने बताया, “ तालिबान के लड़ाकों ने कल रात कुंदुज जिले के इमाम साहिब जिले में सेना की कम से कम तीन चौकियों पर हमला किया। इसमें कम से कम 10 सैनिकों और चार पुलिस कर्मियों की मौत हो गई है।” ...
दरअसल तालिबान-अमेरिकी करार से अनेक संशय भरे सवाल उभरते हैं. अव्वल तो यह कि अब तक जंग लड़ रहे तालिबान और अफगानिस्तान की सरकार के रिश्ते आने वाले दिनों में कैसे होंगे? ...
आंशिक संघर्ष विराम की घोषणा चरमपंथियों और वाशिंगटन के बीच समझौते पर दस्तखत होने से पहले की गई थी। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा, “हिंसा में कटौती...अब खत्म हो गयी है और हमारा अभियान सामान्य रूप से जारी रहेगा।” ...
डोनाल्ड ट्रम्प ने राष्ट्रपति बनते वक्त वादा किया था कि वे अमेरिकी फौजों को अफगानिस्तान से हर हाल में वापस बुला लेंगे. यह समझौता सफल हो जाए, तभी उसको सफल मानना चाहिए. ...
अमेरिका और अफगानिस्तान के तालिबान के बीच कतर में शांति समझौते पर दस्तख्त हुए. इस समझौते के मुताबिक, अमेरिका 14 महीनों में अफगानिस्तान से अपने सैनिक वापस बुलाएगा. साथ ही समझौते में शामिल अन्य शर्तें भी 135 दिन में पूरी की जाएंगी. भारत समेत दुनिया के 3 ...
देशभर में अब महिलाओं की आजादी पर फिर आतंकवादियों का खौफ गहराने लगा है। वे हिंसा खत्म होते देखने के लिए बेसब्र तो है लेकिन उन्हें इसके लिए भारी कीमत चुकाने का डर है। तालिबान के शासन में महिलाओं को तालीम हासिल करने या काम करने से रोक दिया गया। ...