अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम, 1989 के तहत आरोप लगने वाले व्यक्ति को तुरंत गिरफ्तार किया जाएगा। जुर्म साबित होने पर आरोपी को एससी-एसटी एक्ट के अलावा आईपीसी की धारा के तहत भी सजा मिलती है। आईपीसी की सजा के अलावा एससी-एसटी एक्ट में अलग से छह महीने से लेकर उम्रकैद तक की सजा के साथ जुर्माने की व्यवस्था भी है। अगर अपराध किसी सरकारी अधिकारी ने किया है, तो आईपीसी के अलावा उसे इस कानून के तहत 6 महीने से लेकर एक साल की सजा होती है। सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को एससी-एसटी एक्ट में बदलाव करते हुए तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। लेकिन दलित संगठनों के विरोध-प्रदर्शन के बाद केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर पुराने स्वरूप को फिर से बहाल कर दिया है। फिलहाल ये पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। Read More
देवकीनन्दन ठाकुर और उनके भाई विजय शर्मा सहित आधा दर्जन लोगों के खिलाफ अनुसूचित जाति से संबंधित व्यक्ति के घर में घुसकर मारपीट करने, जातिसूचक संबोधन करने एवं वहां मौजूद महिला से छेड़छाड़ करने का आरोप लगा है। ...
जस्टिस अरूण मिश्र, जस्टिस विनीत शरण और जस्टिस रवीन्द्र भट्ट की बेंच मामले ने एससी-एसटी संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। ...
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को कहा कि आरक्षण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के मद्देनजर केन्द्र सरकार या तो पुनर्विचार याचिका दायर करे, या फिर आरक्षण को मूल अधिकार बनाने के लिए संविधान में संशोधन करे। ...
कोर्ट में अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने कहा कि एससी/एसटी आरक्षण मामला सात सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजा जाए। इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने कहा कि केंद्र की याचिका पर दो सप्ताह बाद विचार होगा। ...
उच्चतम न्यायालय ने अपने पूर्व आदेश को पलटते हुए दलित एवं जनजाति समुदायों के उत्पीड़न को रोकने के लिए एससी/ एसटी क़ानून के सख़्त प्रावधानों को यथावत बरकरार रखने को कहा है। ...
एससी/एसटी एक्ट ( SC/ST Act ): 20 मार्च 2018 के अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत का प्रावधान कर दिया था और गिरफ्तारी के लिए दिशा-निर्देश जारी किया था। इसे गिरफ्तारी के प्रावधान को हलका करना माना गया था। ...