लाइव न्यूज़ :

AllNewsPhotosVideos

आरटीआई

Rti, Latest Marathi News

Read more

सूचना का अधिकार अधिनियम भारत की संसद द्वारा पारित एक कानून है, जो 12 अक्टूबर 2005 को लागू हुआ। यह कानून भारत के  सभी नागरिकों को सरकारी फाइलों/रिकॉडर्‌‌स में दर्ज सूचना को देखने और उसे प्राप्त करने का अधिकार देता है। जम्मू एवं कश्मीर को छोड़ कर भारत के सभी भागों में यह अधिनियम लागू है। सरकार के संचालन और अधिकारियों/कर्मचारियों के वेतन के मद में खर्च होने वाली रकम का प्रबंध भी हमारे-आपके द्वारा दिए गए करों से ही किया जाता है। यहां तक कि एक रिक्शा चलाने वाला भी जब बाज़ार से कुछ खरीदता है तो वह बिक्री कर, उत्पाद शुल्क इत्यादि के रूप में टैक्स देता है। इसलिए हम सभी को यह जानने का अधिकार है कि उस धन को किस प्रकार खर्च किया जा रहा है। यह हमारे मौलिक अधिकारों का एक हिस्सा है।

भारत : पवन के. वर्मा का ब्लॉग: आरटीआई में संशोधन जनहित में नहीं!

भारत : राहुल का ट्वीट, सरकार आरटीआई को कमजोर कर रही है ताकि भ्रष्टाचार को मदद दी जाए

भारत : भाजपा ने विपक्ष में सेंध लगाकर राज्यसभा में हासिल किया बहुमत, ऐसा पारित करवाया आरटीआई (संशोधन) विधेयक

भारत : संसद ने आरटीआई संशोधन विधेयक को दी मंजूरी, विपक्ष सदस्यों के प्रस्तावों को 75 के मुकाबले 117 मतों से खारिज

भारत : सोनिया गांधी का आरोप- मोदी सरकार आरटीआई को खत्म करना चाहती है

भारत : सोनिया ने कहा, बहुत चिंता का विषय है कि केंद्र सरकार ऐतिहासिक RTI कानून-2005 को पूरी तरह से खत्म करने पर उतारू है

भारत : लोकसभा में RTI संशोधन विधेयक पास, पक्ष में पड़े 218 वोट, विपक्ष में 79 मत

भारत : RTI से हुआ खुलासा, सियासी दलों को चंदा देने के लिए 5 हजार 851 करोड़ रुपये के खरीदे गए चुनावी बॉन्ड

कारोबार : 30 अमीरों ने दबा रखे हैं बैंकों के 2.86 लाख करोड़ रुपये, RBI ने नाम बताने से किया इंकार

भारत : गोयल, जावड़ेकर, सीतारमण और स्वराज समेत कई मंत्रियों ने सरकारी बंगलों के बकाया का भुगतान नहीं किया