26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू किया गया था। देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए संविधान को 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाये जाने का एक वजह यह थी कि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। साल 2019 में भारत अपना 70वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस दिन राजधानी दिल्ली में परेड का आयोजन किया जाता है जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों की ताकत का प्रदर्शन होता है। Read More
भारत के लोगों को अपनी स्वतंत्रता की रक्षा के लिए तैयार रहना चाहिए. आज मैं अपने लाखों लोगों की खामोशी देख रहा हूं, एक ऐसी खामोशी जो मुझे परेशान करती है. ...
इस उपलब्धि पर बोलते हुए गौरव ने कहा है कि उन्हें 12 साल और 6000 घंटों का फ्लाइंग एक्सपीरियंस है। ऐसे में उन्होंने यह यात्रा अमेरिका के फ्लोरिडा के टाम्पा हवाई अड्डे से शुरू हुई थी जो पूरी तरह से कामयाब रहा है। ...
सामान्य तोपों को आसानी से घुमाया नहीं जा सकता लेकिन के-9 वज्र जीरो रेडियस पर चारों तरफ घूमकर हमला कर सकती है। इसमें तोप और टैंक दोनों की खूबियां हैं। 50 किलोमीटर तक दुश्मन का कोई भी ठिकाना तबाह करने में सक्षम के-9 वज्र टैंक की तरह किसी भी तरह के मैदा ...
राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने कहा कि तेलंगाना सरकार ने गणतंत्र दिवस की गतिविधि को कम करके आंका, उनका कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं था। वे चाहते थे कि मैं राजभवन में ही झंडा फहराऊं। ...
आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस 2023 के मौके पर पहले पीएम मोदी ने राष्ट्रपति मुर्मू का स्वागत किया था। इसके बाद वायु सेना अधिकारी फ्लाइट लेफ्टिनेंट कोमल रानी द्वारा तिरंगा फहराया था। यही नहीं इसके साथ राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी भी दी गई थी। ...
पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा, "मैं राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी को इस वर्ष के गणतंत्र दिवस समारोह में अपनी गरिमामयी उपस्थिति के साथ शोभा बढ़ाने के लिए का आभारी हूं।" ...
गणतंत्र दिवस के इस बारे के परेड में सिर्फ ‘मेड इन इंडिया’ यानी स्वदेशी हथियारों का प्रदर्शन किया गया। भारत में बनी 105 एमएम इंडियन फील्ड गन से 21 तोपों की सलामी दी गई। किसी भी रूसी टैंक को नहीं शामिल किया गया। ...
आपको बता दें कि गणतंत्र भारतीय समाज तथा संस्कृति का हिस्सा रहा है। प्राचीन काल में जनमानस की इच्छा के अनुरूप शासन करने के सिद्धांत को तमाम शासकों ने अपनाया। आज से 2600 वर्ष पूर्व हमारे देश में गणतांत्रिक व्यवस्था का चलन शुरू हो चुका था। ...