31 जुलाई 1880 को काशी में जन्मे प्रेमचंद को हिन्दी का सबसे बड़ा कथाकार माना जाता है। गोदान, गबन, प्रेमसदन और निर्मला उनके प्रमुख उपन्यास हैं। प्रेमचंद ने करीब 300 कहानियाँ लिखीं जिनमें से दर्जनों कहानियाँ विश्व कथा साहित्य की श्रेष्ठ रचनाओं में शुमार की जाती हैं। प्रेमचंद का आठ अक्टूबर 1936 को निधन हो गया। Read More
साहित्य की यथार्थवादी परंपरा की नींव रखने वाले प्रेमचंद का लेखन हिन्दी साहित्य की एक ऐसी विरासत है, जो हिन्दी के विकास की यात्रा को संपूर्णता प्रदान करती है। ...
आजादी की लड़ाई में योगदान देने वाली कई महिलाओं का जिक्र इतिहास के पन्नों में नहीं है। ऐसा ही एक नाम शिवरानी देवी है। प्रेमचंद की पत्नी शिवरानी देवी 2 महीने जेल में भी रही। ...
प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के लमही गाँव में हुआ था। एक दर्जन से ज्यादा उपन्यास और तीन सौ से ज्यादा कहानियाँ लिखने वाले प्रेमचंद को कथा सम्राट माना जाता है। प्रेमचंद का निधन अक्टूबर 1936 में हुआ। आज प्रेमचंद जयंती पर रंगनाथ सिंह बता रहे ...
Prenchand 141th Jayanti 2021: देश की आजादी से पहले प्रेमचंद शिक्षा विभाग में डिप्टी इंस्पेक्टर थे। उन्होंने हालांकि 1921 में सरकारी नौकरी छोड़ दी और लेखन और प्रकाशन को पेशा बना लिया। ...
प्रेमचंद के बाद जिन लोगों ने साहित्य को सामाजिक सरोकारों और प्रगतिशील मूल्यों के साथ आगे बढ़ाने का काम किया, उनमें यशपाल से लेकर मुक्तिबोध तक शामिल हैं। ...
एनबीटी एचआरडी मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय है। एचआरडी मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हिंदी, अंग्रेजी, असमिया, बांग्ला, गुजराती, मलयालम, ओड़िया, मराठी, कोकबोरोक, मिजो, बोडो, नेपाली, तमिल, पंजाबी, तेलुगु, कन्नड़, उर्दू और संस्कृत भाषाओं म ...
हिन्दी और उर्दू के महानतम लेखकों में शुमार मुंशी प्रेमचंद को शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने उपन्यास सम्राट कहकर संबोधित किया था। प्रेमचंद ने हिन्दी कहानी और उपन्यास की एक ऐसी परंपरा का विकास किया जिसने पूरी सदी के साहित्य का मार्गदर्शन किया। ...