निर्मल वर्मा (3 अप्रैल 1929- 25 अक्टूबर 2005) आजादी के बाद की पीढ़ी के प्रमुख हिन्दी लेखक, निबंधकार, कहानीकार और अनुवादक। वर्मा को हिन्दी साहित्य के 'नई कहानी' आंदोलन का अग्रणी कहानीकार माने जाते हैं। उनकी कहानी परींदे को वरिष्ठ आलोचक नामवर सिंह पहली 'नई कहानी' मानते हैं। वे दिन, चीड़ों पर चांदनी, एक चिथड़ा सुख, रात का रिपोर्टर, डेढ़ इंच ऊपर, लंदन की रात, कव्वे और काला पानी, तीन एकांत उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं। निर्मल वर्मा को साहित्य अकादमी, ज्ञानपीठ पुरस्कार (1999) और पद्म भूषण (2002) से सम्मानित किया गया था।