नामवर सिंह हिंदी के मशहूर साहित्यकार और समालोचक रहे हैं। यूपी के चंदौली जिले के जीयनपुर गांव में 1926 में जन्में नामवर ने बीएचयू और जेएनयू में लंबे समय तक अध्यापन का कार्य किया। हिंद साहित्य जगत में समालोचना को नया मुकाम देने वाले नामवर का निधन 19 फरवरी, 2019 को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में हुआ। Read More
नामवर सिंह के बाद की पीढ़ी के शीर्ष वामपंथी आलोचकों में शामिल रहे मैनेजर पाण्डेय का निधन रविवार सुबह हो गया। मैनेजर पाण्डेय का जन्म बिहार के गोपालगंज जिले के लोहाटी गांव में 1941 में हुआ था। ...
हिंदी उर्दू के आपसी रिश्ते पर नामवर सिंह (1 मई 1927 - 19 फरवरी 2019) का यह लेख राजकमल प्रकाशन की किताब 'ज़माने से दो-दो हाथ' से साभार प्रस्तुत किया जा रहा है। ...
नामवर सिंह का 92 साल की उम्र में नई दिल्ली के एम्स अस्पताल में 19 फरवरी को निधन हो गया। नामवर सिंह का जन्म 28 जुलाई 1926 को चंदौली (तब वाराणसी) जीयनपुर गाँव में हुआ था। ...
नामवर सिंह का 92 साल की उम्र में मंगलवार देर रात निधन हो गया। पाखी पत्रिका ने करीब नौ साल पहले नामवर सिंह से एक एकाक्षरी साक्षात्कार किया था। नामवर सिंह के व्यक्तित्व को समझने के लिए यह साक्षात्कार के कुंजी सरीखा है। पेश है उसका अंश। ...
नामवर सिंह का 19 फ़रवरी 2019 को रात करीब 11.40 पर नई दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में हो गया। नामवर सिंह का जन्म 28 जुलाई 1926 को वाराणसी के जीयनपुर गाँव में हुआ था। वो हिन्दी के शीर्षस्थ बुद्धिजीवी और आलोचक माने जाते थे। ...
नामवर सिंह की चर्चित किताब 'दूसरी परम्परा की खोज' के बाद से उन्हें हिन्दी साहित्य और आलोचना की 'दूसरी परम्परा' का ध्वजधारक मान लिया गया। नामवर सिंह ने यह किताब अपने गुरु हजारीप्रसाद द्विवेदी के साहित्यिक योगदान को रेखांकित करते हुए लिखी थी। ...
हिंदी के मशहूर साहित्यकार और समालोचक डॉक्टर नामवर सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के एम्स में में मंगलवार रात तकरीबन 11.50 बजे आखिरी सांस ली। ...