महाभारत हिंदुओं के सबसे प्रमुख ग्रंथों में से एक है। इसे महाकाव्य भी कहते हैं। इसकी रचना वेदव्यास ने की थी। इस ग्रंथ में प्रचीन भारत के धार्मिक, पौराणिक, और दार्शनिक समाज का एक रूप देखने को मिलता है। महाभारत में मुख्य रूप से कौरव और पांडवों के बीच 18 दिनों तक चले युद्ध और उसके पहले की भूमिका का वर्णन है। इस युद्ध में पांडवों ने कौरवों को हराया था। Read More
शनि देव के भारत में कई मंदिर हैं। इसी में से एक उत्तराखंड के उत्तरकाशी में भी स्थित है। ये मंदिर बेहद प्राचीन है। मान्यता है कि यहां 12 महीने शनि देव मौजूद रहते हैं। जानिए इस मंदिर के बारे में। ...
महाभारत की लड़ाई में करीब 45 लाख से अधिक योद्धाओं ने हिस्सा लिया था। ऐसे में इन सभी के लिए खाने की व्यवस्था एक बड़ी जिम्मेदारी थी। एक राजा ने इसकी जिम्मेदारी संभाली थी और 18 दिन तक कौरव और पांडवों की सेना को खाना खिलाया था। ...
महाभारत की कथा के अनुसार भीष्म पितामह ने मकर संक्रांति के दिन अपना देह त्यागा था। कई दिन बाणों की सैय्या पर गुजारते हुए उन्होंने सूर्य के उत्तरायन होने का इंतजार किया। ...
कृष्ण द्वैपायन व्यास द्वारा रचित महाभारत के भीष्म पर्व (अध्याय 23-40) में श्रीमद्भगवद्गीता प्राप्त होती है. इस अद्भुत रचना में कुल 700 श्लोक हैं जो 18 अध्यायों में निबद्ध हैं. ...
ओबामा ने ‘ए प्रोमिज्ड लैंड’ नामक अपनी पुस्तक में भारत के प्रति आकर्षण के बारे में लिखा है। उन्होंने कहा, ‘‘हो सकता है कि यह उसका (भारत) आकार है (जो आकर्षित करता है), जहां दुनिया की जनसंख्या का छठा हिस्सा रहता है, जहां करीब दो हजार विभिन्न जातीय समुदा ...
आज 9 अगस्त रविवार को पूरे देश में बलराम जयंती मनाई जा रही है। बलराम जी या बलदाऊ जी को आमतौर लोग भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई के रूप में ही जानते हैं, लेकिन पौराणिक ग्रंथों में इनकी महिमा इससे बहुत आगे है। बलराम के शक्तिबल से सभी परिचित हैं। ...