महाभारत हिंदुओं के सबसे प्रमुख ग्रंथों में से एक है। इसे महाकाव्य भी कहते हैं। इसकी रचना वेदव्यास ने की थी। इस ग्रंथ में प्रचीन भारत के धार्मिक, पौराणिक, और दार्शनिक समाज का एक रूप देखने को मिलता है। महाभारत में मुख्य रूप से कौरव और पांडवों के बीच 18 दिनों तक चले युद्ध और उसके पहले की भूमिका का वर्णन है। इस युद्ध में पांडवों ने कौरवों को हराया था। Read More
अंबरनाथ में एक निजी क्लासेस के शिक्षक ने पांच वर्षीय मासूम विद्यार्थी की स्टील की पट्टी से इस कदर पिटाई की कि उसके पूरे शरीर पर लाल निशान पड़ गए. उस मासूम की गलती यह थी कि वह अंग्रेजी की स्पेलिंग ठीक से नहीं लिख पाया. संबंधित शिक्षक को पुलिस ने गिरफ् ...
कृषि व ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह जानकारी देते हुए दावा किया कि सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए राज्यों द्वारा तैयार कार्यक्रम को पूरी मजबूती से समर्थन देने के लिए 20 सूत्रीय योजना तैयार की है. ...
महाभारत की कहानी के अनुसार अर्जुन के पुत्र इरावन बेहद आक्रामक और कुशल योद्धा थे। उन्होंने महाभारत के युद्ध में हिस्सा लेते बहादुरी से कौरवों के खिलाफ लड़ाई की और नुकसान पहुंचाया। ...
श्रीकृष्ण ने अर्जुन को पहले ही जयद्रथ को मिले गुप्त वरदान के बारे में बता दिया था। इसके अनुसार जो भी वीर इसका सिर धरती पर गिराएगा, उसके मस्तक में भी विस्फोट होगा। ...
श्रीकृष्ण युद्ध के बाद जब द्वारका लौटने लगे तो वे माता गांधारी का आशीर्वाद लेने उनके पास पहुंचे। गांधारी उन्हें देखते ही आग बलूला हो गईं और श्राप दिया। ...
कहा जाता है कि इसी क्षेत्र के व्यास गुफा में उन्होंने महाभारत की रचना की थी। प्रस्तावित प्रतिमा का निर्माण जिले के शिव पंच्यान मंदिर में किया जाएगा। इसका उद्देश्य भारत और नेपाल से धार्मिक पर्यटकों को आकर्षित करना है। ...
इस युद्ध में बभ्रुवाहन भारी पड़े और ऐसा तीखा तीर अपने पिता पर चलाया जिससे अर्जुन अपनी जान गंवा बैठे। ब्रभुवाहन भी बेहोश हो गये। इसके बाद चिंत्रागदा भी युद्ध भूमि पहुंच गईं और विलाप करने लगी। ...
करीब 5000 साल पहले की इस कहानी से जुड़े ऐसे कई रोचक प्रसंग हैं जो बहुत लोगों को मालूम नहीं हैं। इसी में से एक है ज्येष्ठ पांडु पुत्र युधिष्ठिर का अपनी ही मां कुंती को श्राप देने का प्रसंग, जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। ...