महाभारत हिंदुओं के सबसे प्रमुख ग्रंथों में से एक है। इसे महाकाव्य भी कहते हैं। इसकी रचना वेदव्यास ने की थी। इस ग्रंथ में प्रचीन भारत के धार्मिक, पौराणिक, और दार्शनिक समाज का एक रूप देखने को मिलता है। महाभारत में मुख्य रूप से कौरव और पांडवों के बीच 18 दिनों तक चले युद्ध और उसके पहले की भूमिका का वर्णन है। इस युद्ध में पांडवों ने कौरवों को हराया था। Read More
मान्यताओं के अनुसार द्वापरयुग में महाभारत युद्ध के कुछ वर्षों बाद कलियुग का आगमन पृथ्वी पर हुआ। कलियुग उस समय आया जब भगवान श्रीकृष्ण पृथ्वी छोड़ बैकुंठ लौट चुके थे और पांडव भी इस दुनिया को छोड़ चुके थे। ...
महाभारत युद्ध में कौरवों ने सबसे पहले भीष्म पितामह को अपना सेनापति बनाया था। पितामह के बाणों के सामने पांडवों की सेना का लगातार नुकसान हो रहा था लेकिन अर्जुन समेत पांचों भाई सुरक्षित रहे। इसे देख दुर्योधन काफी नाराज था। ...
गुरु पूर्णिमा हर साल आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस बार 16 जुलाई को गुरु पूर्णिमा पड़ रहा है। प्राचीन काल में इस दिन शिष्य श्रद्धा से अपने गुरु की पूजा करते थे। ...
ग्राम पंचायत ने पांच पेड़ लगाकर उसका संवर्धन करनेवालों का दो साल का संपत्ति कर माफ करने का निर्णय लिया है. यही नहीं, ऐसे लोगों को ग्राम पंचायत के सभी प्रमाण-पत्र नि:शुल्क दिए जाएंगे. ...
महाभारत के युद्ध के ठीक बाद अर्जुन के रथ में आग लग गई थी और ये जलकर स्वाहा हो गया। यह ऐसा रथ था जो जररूत पड़ने पर किसी भी दिशा और किसी भी लोक में भ्रमण कर सकता था। ...
युद्ध के बीच ही कर्ण के रथ का पहिया धरती में धंस गया। कर्ण जब उस पहिये को निकालने में व्यस्त थे, तभी अर्जुन ने श्रीकृष्ण के कहने पर बाण चलाकर कर्ण का सिर धड़ से से अलग कर दिया। ...
क्या आपको मालूम है कि इस लड़ाई के ठीक बाद धृतराष्ट्र अपने पुत्र दुर्योधन की मृत्यु से इतने हताश थे कि उन्होंने भीम को मारने की योजना बना ली थी। धृतराष्ट्र अपनी इस योजना में कामयाब भी हो जाते अगर श्रीकृष्ण ने चतुराई से काम नहीं लिया होता। ...
मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में स्थित असीरगढ़ के किले का संबंध महाभारत काल से बताया जाता है। यह जगह खांडव जिले के पास है जो उस समय खांडव क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। ...