बहुत सी बोलियों और भाषाओं वाले हमारे देश में आजादी के बाद भाषा को लेकर एक बड़ा सवाल आ खड़ा हुआ। आखिरकार 14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया। इस दिन के महत्व को देखते हुए हर साल 14 सितंबर को 'हिंदी दिवस' मनाया जाता है। 1953 से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जा रहा है। Read More
हिंदी दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि भारत विभिन्न भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है परन्तु पूरे देश की एक भाषा होना अत्यंत आवश्यक है ...
Top 5 News: आज हिंदी दिवस है। इस मौके पर कई कार्यक्रम देश भर में आयोजित किये गये हैं। वहीं, दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देशभर से मिले 2700 से अधिक उपहारों की आज से नीलामी की जाएगी। ...
हिंदी और अंग्रेजी दोनों को नए राष्ट्र की भाषा चुना गया और संविधान सभा ने देवनागरी लिपि वाली हिंदी के साथ ही अंग्रेजी को भी आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया, लेकिन 1949 में आज ही के दिन संविधान सभा ने हिंदी को ही भारत की राजभाषा घोषित किया। ...
दुनिया भर में इंटरनेट के बढ़ते उपयोग की वजह से डिजिटल साक्षरता तेजी से बढ़ी है. भारत में इंटरनेट का उपयोग बढ़ने के साथ ही समाचार पोर्टल और अखबारों के इंटरनेट संस्करण भी बढ़े. सबसे पहले अंग्रेजी के समाचार पोर्टल और अखबारों के इंटरनेट संस्करण ही शुरू ह ...
भाषा के अधिकांश रूप बिगड़े हुए करार दिए जा सकते हैं क्योंकि जहां नागरी पर ग्रामीण का प्रभाव पड़ा कि भाषा बिगड़ी. और ग्रामीण संपर्क सदैव नहीं होता रहे तो भाषा कभी प्राणवान हो नहीं सकती. ...
आजकल कई टीवी चैनलों और अखबारों में कई बार ऐसे वाक्य सुनने और पढ़ने में आते हैं, जिनमें अंग्रेजी के शब्दों के बिना वे वाक्य पूरे ही नहीं होते. अंग्रेजी शब्द जबर्दस्ती ठूंस दिए जाते हैं. ...
जब भाषा के प्रयोग को समाज में सम्मान मिलता है तो उसकी स्वीकृति बढ़ती है. कोई भाषा उतनी ही सीखी जाती है जितनी उसकी उपयोगिता होती है. भाषा के प्रयोग से ही उसका अस्तित्व होता है और प्रयोक्ताओं की आवश्यकता से उसकी दक्षता निर्धारित होती है. ...
भारत की राजभाषा हिंदी को देश के महान पूर्वजों ने भी अपने विचार रखे थे। उनमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, स्वतंत्रता सेनानी और गांधीवादी नेता विनोबा भावे और वैदिक धर्म के महान गुरू स्वामी दयानंद सरस्वती भी शामिल ...