हिन्दू पंचांग के अनुसार एक साल में कुल 24 एकादशियां पड़ती हैं। सभी एकादशियों में भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण निर्जला एकादशी का व्रत है। इसके करने से सभी एकादशियों का फल साधक को मिलता है। ऐसी भी मान्यता है कि निर्जला एकादशी को महाभारत काल में पांडु पुत्र भीम ने किया था। इसलिए इसे भीम एकादशी भी कहते हैं। Read More
हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को ही पापमोचिनी एकादशी कहा जाता है. इस एकादशी के व्रत को करने से न केवल सभी पापों का नाश होता है बल्कि मोक्ष की भी प्राप्ति होती है. हिंदू मान्यताओं में वैसे भी सभी एकादशी व्रतों का बहुत महत्व है। ...
Papmochani Ekadashi 2020: चैत्र कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पापमोचिनी एकादशी कहा गया है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से सभी पापों का नाश होता है। ...
Amalaki Ekadashi: आमलकी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ आवंले के वृक्ष की भी पूजा का विधान है। इस व्रत को करने वाले को मोक्ष की प्राप्ति होती है। ...
आमलकी एकादशी (6 मार्च): फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी कहा गया है। महाशिवरात्रि और होली के बीच पड़ने वाले इस एकादशी के दिन आंवले के पेड़ के नीचे भगवान विष्णु को पूजने की परंपरा है। शास्त्रों के अनुसार इस पेड़ को खुद भगवान विष्णु ...