आयुर्वेद का अर्थ है 'जीवन का विज्ञान'। भारत में आयुर्वेद का जन्म लगभग 5,000 वर्ष से भी पहले हुआ था। आयुर्वेद इस विश्वास पर आधारित है कि मानव का स्वास्थ्य न केवल उसके शरीर बल्कि उसकी आत्मा के स्वस्थ्य होने पर निर्भर करता है। आयुर्वेद का मुख्य लक्ष्य बीमारी से लड़ना नहीं बल्कि बीमारी को रोकना है। Read More
आयुर्वेद में हजारों सालों से जटामांसी का प्रयोग प्रचलित जड़ी बूटियों में किया जाता है। जटामांसी, जिसे नारदोस्टैचिस, बालछड़ या स्पाइक्नाड जैसे नामों से जाना जाता है। ...
आयुर्वेद में चिरायता को ऐसे दिव्य जड़ी बूटी होने का गौरव प्राप्त है, जिसका उपयोग पारंपरिक रूप से मलेरिया, मधुमेह और लिवर की बीमारियों का इलाज किया जाता है। ...
आयुर्वेद के अनुसार कई औषधीय गुणों से भरपूर अर्जुन की छाल का इस्तेमाल कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में किया जाता है। अर्जुन की छाल में एंटी बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसे कई गुण होते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। ...
बेल एक पौधा है, जिसके कच्चे फल, जड़, पत्तियों और शाखाओं का उपयोग औषधि बनाने के लिए किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार बेल का उपयोग कब्ज, दस्त, मधुमेह और अन्य स्थितियों के लिए किया जाता है। ...
भारतीय भोजन के साथ-साथ आयुर्वेदिक उपचार में भी गुड़ का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। गुड़ हड्डियों को मजबूती देने के साथ-साथ जोड़ों के दर्द में भी सहायक होता है। ...
चिलचिलाती गर्मियों में, लू के थपेड़ों में महज एक ग्लास गन्ने के जूस न सिर्फ प्यास बुझाता है, बल्कि अपने औषधीय गुण के कारण शरीर की भी रक्षा करता है। ...