Benefits Of Bael: जानिए बेल के रस के हैरान कर देने वाले अचूक फायदे, जानिए क्या कहता है आयुर्वेद

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 12, 2024 06:42 AM2024-04-12T06:42:30+5:302024-04-12T06:42:30+5:30

बेल एक पौधा है, जिसके कच्चे फल, जड़, पत्तियों और शाखाओं का उपयोग औषधि बनाने के लिए किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार बेल का उपयोग कब्ज, दस्त, मधुमेह और अन्य स्थितियों के लिए किया जाता है।

Benefits Of Bael: Know the surprising benefits of Bael juice, know what Ayurveda says | Benefits Of Bael: जानिए बेल के रस के हैरान कर देने वाले अचूक फायदे, जानिए क्या कहता है आयुर्वेद

फाइल फोटो

Highlightsआयुर्वेद के अनुसार बेल का उपयोग कब्ज, दस्त, मधुमेह के उपचार में किया जाता हैयही नहीं भारतीय संस्कृति में भी बेल को पवित्र माना गया है, भगवान शिव की पूजा बेलपत्र से होती हैबेल में प्रोटीन, फाइबर, फेट, कैल्शियम, पोटेशियम और आयरन सहित अन्य तत्व पाये जाते हैं

Benefits Of Bael: बेल एक ऐसा पौधा है, जिसके कच्चे फल, जड़, पत्तियों और शाखाओं का उपयोग औषधि बनाने के लिए किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार बेल का उपयोग कब्ज, दस्त, मधुमेह और अन्य स्थितियों के लिए किया जाता है।

इसके अलावा भारत के कई हिस्सों में बेल के फल का प्रयोग गर्मियों के तरल पेय तैयार करने में किया जाता है, जो सनस्ट्रोक से निपटने में मदद करता है। यही नहीं भारतीय संस्कृति में बेल को बेहद पवित्र माना गया है। इस कारण बेल के पत्तों को धार्मिक अनुष्ठानों में इस्तेमाल किया जाता है।

बेल भारत का एक स्वदेशी पौधा है, जिसका उपयोग भारतीय उपमहाद्वीप के निवासियों द्वारा 5000 वर्षों से अधिक समय से किया जा रहा है। पत्तियों, छाल, जड़ों, फलों और बीजों का उपयोग भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद और विभिन्न लोक चिकित्सा में असंख्य बीमारियों के इलाज के लिए बड़े पैमाने पर किया जाता है।

जर्नल ऑफ एनवायरनमेंट साइंस द्वारा किये शोध में बताया गया है कि बेल में प्राकृतिक रूप से शुगर होने के साथ प्रोटीन, फाइबर, फेट, कैल्शियम, पोटेशियम,आयरन, फॉस्फोरस होने के साथ विटामिन ए, बी, सी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, जो हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।

बेल में टैनिन, फ्लेवोनोइड और कूमारिन नामक रसायन होते हैं। ये रसायन शरीर के सूजन को कम करता है। इससे अस्थमा, दस्त और अन्य स्थितियों के इलाज में मदद मिल सकती है और बेल में पाये जाने वाले कुछ रसायन ब्लड शुगर को कम करने में मदद करते हैं।

बेल के फायदे

बेल के पत्तों का उपयोग सलाद बनाने में किया जाता है। बेल फल का गूदा आंत में बैक्टीरिया और अन्य रोगजनकों के छोड़े गये विषाक्त पदार्थों को अवशोषित करता है, जिससे पेचिश के इलाज में मदद मिलती है। बेल का उपयोग भूख न लगने की आयुर्वेदिक दवा के निर्माण में किया जाता है। बेल के अर्क के तेल का उपयोग श्वसन संबंधी समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जाता है।

बेल फल का उपयोग कैंडी, स्क्वैश, टॉफी, पल्प पाउडर और अन्य खाने योग्य उत्पादों की तैयारी में किया जाता है। बेल को वनस्पति विज्ञान में एगल मार्मेलोस कहते हैं। बेल की पत्ती का रस शहद के साथ बुखार के इलाज के लिए उपयोगी साबित हो सकता है। टीबी के इलाज के लिए भी बेल का प्रयोग किया जाता है। भारतीय आयुर्वेद में पेचिश और मधुमेह के उपचार में बिल्व का बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया है।

बेल के फल आहार में उपयोगी होते हैं और फलों के गूदे का उपयोग मुरब्बा, पुडिंग और जूस जैसे व्यंजन तैयार करने के लिए किया जाता है। बेल के फलों का उपयोग क्रोनिक डायरिया, पेचिश और पेप्टिक अल्सर के उपचार में, रेचक के रूप में और विभिन्न लोक औषधियों में श्वसन रोगों से उबरने के लिए भी किया जाता है।

वैज्ञानिक अध्ययनों ने कई जातीय-औषधीय उपयोगों को मान्य किया है और रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि फल में चिकित्सीय प्रभावों की व्यापक श्रृंखला होती है जिसमें मुक्त कण सफाई, एंटीऑक्सिडेंट, लिपिड पेरोक्सीडेशन का निषेध, जीवाणुरोधी, एंटीवायरल, एंटी-डायरियल, गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव, एंटी-अल्सरेटिव कोलाइटिस, हेपेटोप्रोटेक्टिव शामिल हैं।

पहली बार यह समीक्षा बेल फल के पोषण मूल्यों, फाइटोकैमिस्ट्री और प्रीक्लिनिकल फार्माकोलॉजिकल गुणों का गंभीर रूप से आकलन करती है। आयुर्वेद में बेल फल को न केवल आहार संबंधी बल्कि औषधीय गुणों पर भी बल दिया गया है।

बेल का उपयोग

डायरिया के इलाज में लाभदायक

डायरिया और पेचिश जैसी समस्याओं में बेल का सेवन सबसे ज्यादा फायदेमंद माना गया है। डायरिया की समस्या अधिकतर खाना ने पचने के कारण होती है। आयुर्वेद के मुताबिक बेल में फाइबर और अन्य तत्व मौजूद होने से यह पाचन और डायरिया की समस्या में कुछ घण्टों में असर कर सकता है।

बेल से सूजन कम होती है

जर्नल फार्मा इनोवेशन के एक अध्ययन के मुताबिक बेल को औषधीय रूप से भी फायदेमंद माना गया है। बेल के फल में टैनिन, फ्लेवोनोइड्स और कुमेरिन जैसे केमिकल्स पाए जाते हैं जो प्राकृतिक रूप से सूजन कम करने में मदद करते हैं।

पाचन के लिए बेहतर

पाचन से जुड़ी सभी समस्याओं के लिए बेल सबसे अच्छा फल माना गया है, क्योंकि इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण होने के साथ एंटी-फंगल गुण भी होते हैं। यह म्यूकोसा को कंट्रोल रखने के साथ ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को भी कंट्रोल कर सकता है। बेल में पाए जानें वाले तत्व कब्ज की समस्या से भी राहत देते हैं।

त्वचा की समस्याओं से राहत दिलाता है

बेल में एंटी-फंगस, एंटी-बैक्टीरियल, और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए गए हैं, जिससे यह स्किन इंफेक्शन के लिए फायदेमंद है। आयुर्वेद के अनुसार बेल के पत्तों का तेल त्वचा को संक्रमित करने वाले फंगस को रोकता है। साथ ही रैशेज और खुजली जैसी समस्या के भी फायदेमंद है।

बेल इम्यूनिटी बढ़ाता है

बेल का जूस विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट का पावरहाउस माना जाता है, जो इम्यूनिटी को बढ़ावा दे सकता है। गर्मियों में बेल के जूस का सेवन बैक्टीरिया और वायरस के संक्रमण को रोकने में मदद करता है।

Web Title: Benefits Of Bael: Know the surprising benefits of Bael juice, know what Ayurveda says

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