क्या पहले से लिखी होती है Bigg Boss की स्क्रिप्ट?
By ज्ञानेश चौहान | Updated: January 28, 2020 14:41 IST2020-01-27T20:34:38+5:302020-01-28T14:41:39+5:30
Salman Khan द्वारा होस्टेड टीवी रियल्टी शो bigg boss 13 टेलीविजन पर प्रसारित हो रहा है। bigg boss का यह 10वां सीजन है। इसका पहला सीज़न साल 2006 में टेलीकास्ट हुआ था।

सलमान ख़ान पिछले 10 एपिसोड से बिग बॉस टीवी शो होस्ट कर रहे हैं। (Salman Khan Bigg Boss File Photo)
बिग बॉस कहने को तो रियलिटी शो है लेकिन फ़ैन्स अक्सर ये सवाल पूछते हैं कि बिग बॉस में सबकुछ रियल है या स्क्रिप्टेड ड्रामा? बिग बॉस के घर से निकाले जा चुके कई कंटेस्टेंट भी ऐसे आरोप लगाकर इस मामले को हवा देते रहते हैं।
बिग बॉस सीज़न 10 के कंटेस्टेंट रह चुके कृष्णा की बहन आरती बिग बॉस 13 की कंटेस्टेंट हैं। अभी हाल ही कृष्णा ने इशारों में इशारों में कहा कि बीते सालों में बिग बॉस का फार्मेट काफी बदल चुका है।
कृष्णा ने न्यूज़ 18 को दिए इंटरव्यू में कहा - आजकल बिग बॉस के घर में हर किसी को पता है कि कब क्या कहना है, कब लड़ाई करनी है ताकि यह टीवी पर आ सके। लेकिन बिग बॉस की रियल्टी पर ये सवाल बेवजह नहीं उठते। बिग बॉस के हर एपिसोड में कुछ खास पैटर्न रिपीट होते हैं-
- बिग बॉस के हर एपिसोड में एक प्रेम कहानी का जन्म होता है (इमेज लगाएं- अनूप जलोटा-जसलीन मथारू, कृष्णा-कश्मीरा शाह, युविका चौधरी- प्रिंस नरूला, अस्मित पटेल-वीना मलिक)
- बिग बॉस में शामिल होने वाले ज्यादातर कंटेस्टेंट मैच्योर एज के होते हैं लेकिन हर एपिसोड में कुछ कंटेस्टेंट यह जानते हुए भी कि सबकुछ कैमरे में क़ैद हो रहा है, आपस में कुत्ते-बिल्ली की तरह लड़ते हैं।
- बिग बॉस के लगभगर हर एपिसोड में सलमान ख़ान किसी ने किसी कंटेस्टेंट पर बुरी तरह भड़क जाते हैं।
Bigg Boss में हर बार होने वाले ड्रामे
बिग बॉस का शो पहले से लिखा होता है या नहीं पता नहीं लेकिन यह बात लगभग पक्की हो चुकी है कि यह शो एडिटेड होता है। यहाँ हम आपको ऐसे फैक्ट बताएंगे जिन्हें पर ध्यान देने के बाद आपको भी इस बात पर यकीन हो जाएगा।
यह जगजाहिर बात है कि बिग बॉस के घर में करीब 80 कैमरे लगे होते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बिग बॉस के घर में दो तरह के कैमरे लगे होते हैं-
रोबोटिक कैमरे और ट्रैक कैमरे।
रोबोटिक कैमरे बिग बॉस के घर के अंदर लगे होते हैं और ट्रैक कैमरे घर के बाहर लगे होते हैं। बिग बॉस के घर में एंट्री करने वाले कंटेस्टेंट चौबीसों घण्टे घर के अंदर रहते हैं और उनकी हर एक्टिविटी कैमरे में रिकॉर्ड होते हैं।
भले ही बिग बॉस के कैमरे 24 घण्टे की रिकॉर्डिंग करते हों दर्शकों को यह शो केवल एक से डेढ़ घण्टे का ही दिखाया जाता है। इससे साफ है कि करीब 23 घण्टे की रिकॉर्डिंग एडिंटिंग करके निकाल दी जाती है। इससे साफ है कि बिग बॉस एक ऐसी फ़िल्म की तरह है जिसकी स्क्रिप्ट नहीं होती लेकिन शूटिंग किये गये 24 घण्टे के फुटेज में से प्रोड्यूसर एक डेढ़ घण्टे का एक शो बनाते हैं जिसे दर्शकों को दिखाया जाता है।
Bigg Boss के विजेता और उपविजेता का रहस्योद्घाटन
बिग बॉस का शो एडिटेड होता है ऐसा कहने वाली श्वेता तिवारी अकेली नहीं हैं। बिग बॉस 11 की रनर-अप रह चुकी हिना ख़ान भी ऑन-रिकॉर्ड इस पर मुहर लगा चुकी हैं। हिना ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था, "बिग बॉस की स्क्रिप्ट पहले से नहीं लिखी होती लेकिन यह बहुत अच्छी तरह एडिटेड शो है। इस शो की शानदार एडिटिंग की जाती है। आप जो कुछ देखते हैं और उसपर रिएक्ट करते हैं...इसके लिए मैं किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराती।"
शो के विजेता और उपविजेता जब ख़ुद कह चुके हैं कि यह शो एडिटेड हैं तो उनपर सवाल उठाने वाले हम कौन होते हैं!
अगर आपके मन में यह सवाल आ रहा है कि 24 घण्टे का शो तो टीवी पर दिखाया नहीं जा सकता तो उसके कुछ हिस्से काटना तो नेचुरल है तो थोड़ा ठहरिये महान भारतीय फिल्म निर्देशक सत्यजीत रे मानते थे- फ़िल्में केवल दो टेबलों पर बनती हैं- एक राइटिंग टेबल और दूसरी एडिटिंग टेबल
एडिटिंग का कमाल समझने-समझाने के लिए महान निर्देशक अल्फर्ड हिचकॉक का दिया उदाहरण सबसे सटीक है। एक टीवी इंटरव्यू में हिचकॉक ने जोर देते हुए कहा कि फ़िल्में मूलतः एडिटिंग से बनती हैं। हिचकॉक ने अपनी बात को एक्सप्लेन करते हुए कहा था कि मान लीजिए पहले शाट में एक आदमी खिड़की से बाहर देख रहा है, दूसरे शॉट में आपको दिखता है कि एक छोटा बच्चा बाहर खेल रहा है, तीसरे शॉट में कैमरा आदमी के चेहरे पर वापस आता है और आदमी मुस्कराता हुआ दिखता है। इस सीन से आपके मन में उसकी छवि एक भले आदमी की बनती है। अब एक दूसरे सीन में पहले शॉट में आदमी खिड़की से बाहर देख रहा है। दूसरे शॉट में एक लड़की को नहाते हुए दिखाया जाता है। तीसरे शॉट में कैमरा आदमी के चेहरे पर वापस आता है और उसे मुस्कराते हुए दिखाता है। इस सीन में आदमी की छवि बिल्कुल अलग बनती है।
हिचकॉक के दिए उदाहरण से आप समझ ही गये होंगे कि बीच की एक तस्वीर बदल देने से पूरे सीन का मतलब बदल जाता है।

