Assembly Elections 2023: "चुनाव आते ही नेता एक-दूसरे को गाली देने लगते हैं, देश के लोकतंत्र को भी और परिपक्व होना है", मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 6, 2023 06:56 AM2023-11-06T06:56:18+5:302023-11-06T06:59:50+5:30
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने देश की मौजूदा चुनावी राजनीति को लेकर कहा कि हमें अभी भी "लोकतांत्रिक परिपक्वता" की बेहद आवश्यकता है।
भद्राद्रि कोठागुडेम: तेलंगाना विधानसभा चुनाव में भाजपा, कांग्रेस को एक साथ चुनौती दे रही सूबे की सत्ताधारी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के प्रमुख और मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा है कि देश में अभी भी "लोकतांत्रिक परिपक्वता" की बेहद आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री केसीआर ने बीते रविवार को कोठागुडेम में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, "हम देखते हैं कि जैसे ही चुनाव आते हैं, नेता एक-दूसरे को गाली देना शुरू कर देते हैं, बहुत बेशर्मी के साथ झूठ बोला जाता है, झूठे वादे किया जाता है और वो भी जनता से वोट पाने के लिए। इसलिए मुझे लगता है कि देश में और अधिक लोकतांत्रिक परिपक्वता हासिल करने की जरूरत है।"
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक उन्होंने सभा में मौजूद लोगों से अपील की कि वे किसी भी चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार के पीछे पार्टी के खड़े होने पर विचार करें।
उन्होंने कहा, "जैसे ही चुनाव आते हैं, प्रत्येक पार्टी के लिए एक उम्मीदवार होगा। हमारे पास बीआरएस से वनमा वेंकटेश्वर राव हैं। कांग्रेस, कम्युनिस्ट और भाजपा से कोई न कोई होगा। लोगों को उम्मीदवार के अच्छे और बुरे के बारे में सोचना चाहिए। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको सोचना चाहिए उस पार्टी के बारे में जो उम्मीदवार के पीछे खड़ी है। आपको राजनीतिक पार्टी के इतिहास और रास्ते के बारे में सोचना होगा।"
इस बीच सीएम केसीआर ने सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड में केंद्र सरकार के हाथों 49 फीसदी की हिस्सेदारी खोने के लिए पूर्व की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
सीएम केसीआर ने कांग्रेस की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि तत्कालीन आंध्र प्रदेश की सरकारें अपनी अक्षमता के कारण केंद्र से प्राप्त ऋण नहीं चुका सकीं और इस कारण से कंपनी की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी देनी पड़ी, जो तेलंगाना की विरासत का हिस्सा था।
उन्होंने कहा, "सिंगारेनी का इतिहास 134 साल पुराना है। सिंगरेनी तेलंगाना का काला सोना है। सिंगरेनी पहले 100 फीसदी हमारी थी। हालांकि, अयोग्य कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार से कर्ज लिया और 30-40 वर्षों तक इसे नहीं चुकाया। इसके बाद केंद्र सरकार को सिंगरेनी में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल हुई।''
मुख्यमंत्री केसीआर ने आगे कहा कि हैदराबाद के निज़ामों द्वारा स्थापित सिंगरेनी का 134 वर्षों का समृद्ध इतिहास है और इसकी कोयला खदानें तेलंगाना के लोगों के जीवन से जुड़ी हुई हैं।
उन्होंने कहा, "निजाम काल में जो खदानें शुरू की गई थीं, वे पूरी तरह से हमारी थीं लेकिन बाद में 49 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार को दे दिया गया। इससे हमें भारी नुकसान हुआ। आपको सोचना चाहिए कि सिंगरेनी पहले कैसी थी और अब कैसी है। हमने इसे बदल दिया है।"
मालूम हो कि तेलंगाना में 30 नवंबर को विधानसभा चुनाव होंगे और चार अन्य चुनावी राज्यों के साथ वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। तेलंगाना में बीआरएस, कांग्रेस और बीजेपी के बीच दिलचस्प त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलने वाला है। साल 2018 के पिछले विधानसभा चुनावों में बीआरएस ने 119 में से 88 सीटें जीती थी और उसका कुल वोट शेयर 47.4 प्रतिशत था। वहीं कांग्रेस 9 सीटों और 28.7 फीसदी वोट शेयर के साथ दूसरे स्थान पर रही थी।