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चावल के दाने से भी छोटा है ये कंप्यूटर, कैंसर जैसे बड़े रोगों का पता लगाने में करेगा मदद

By जोयिता भट्टाचार्या | Updated: June 26, 2018 13:33 IST

वैज्ञानिकों ने दुनिया का सबसे छोटा कंप्यूटर विकसित किया है। यह एक ऐसा कंप्यूटर है जो सिर्फ 0.3 मिलीमीटर का है।

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ठळक मुद्देयह कंप्यूटर केवल 0.3 मिलीमीटर का है और यह चावल के दाने से भी छोटी हैयह कैंसर का पता लगाने और उसके इलाज के लिए मदद करेगा

नई दिल्ली, 26 जून: अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के वैज्ञानिकों ने दुनिया का सबसे छोटा कंप्यूटर बनाया है। यह कंप्यूटर केवल  0.3 मिलीमीटर का है और यह चावल के दाने से भी छोटी है। इस कंप्यूटर की एक और खास बात यह है कि यह कैंसर का पता लगाने और उसके इलाज के लिए मदद कर सकता है। शिन्हुआ न्यूज एजेंसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दूसरे कंप्यूटर से अलग ये छोटा सा डिवाइस स्विच होते ही अपना डेटा स्टोर नहीं कर सकती हैं जबकि दूसरे ट्रेडिशनल कंप्यूटर ऑन होने पर अपने प्रोग्राम और डेटा को सेव कर लेते हैं।

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नया माइक्रो कंप्यूटर डिवाइस 'मिशिगन माइक्रो मोट' में रैम और फोटोवोल्टिक्स के अलावा प्रोसेसर और वायरलेस ट्रांसमीटर्स और रिसीवर्स भी हैं। ये डिवाइसेज विजिबल लाइट के रूप में डेटा रिसीव और ट्रांसमिट करती हैं। इनका बेस स्टेशन पावर और प्रोग्रामिंग के लिए लाइट उपलब्ध कराता है और डिवाइस डेटा रिसीव कर लेती हैं। यह सारे काम डिवाइस तब भी करेगी जब वह आंतरिक रूप से चार्ज न हो।

अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेविड ब्लाऊ ने कहा , “हम इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं है कि इन्हें कंप्यूटर कहा जाना चाहिए या नहीं। यह एक राय वाली बात है कि इनमें कंप्यूटर की तरह न्यूनतम फंक्शन वाली चीजें हैं या नहीं।”

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इस कंप्यूटर का इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकता है। इस माइक्रो कंप्यूटर को बनाने वाली टीम ने इसका इस्तेमाल तापमान मानदंड के स्पष्टता के लिए करने तय किया। टेंपरेचर सेंसर के तौर पर खास डिजाइन की गई ये डिवाइस टेंपरेचर को टाइम इंटरवल में इलेक्ट्रॉनिक प्लस के रूप में कन्वर्ट कर देती हैं। इसके जरिए बेस स्टेशन की ओर से भेजे गए टाइम इंटरवल को चिप द्वारा नोट किया जाता है। जिसके बाद इसे टेंपरेचर में कन्वर्ट कर दिया जाता है। इसके अलावा यह डिवाइस तापमान से कैंसर के इलाज का पता लगाने में भी मदद कर सकता है।

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