इंटरनेशनल कॉल कनेक्ट करने के लिए लगने वाले चार्ज को 35 से 65 पैसे तक बढ़ाने की छूट, कंपनियों को फायदे की उम्मीद
By भाषा | Published: April 17, 2020 05:46 PM2020-04-17T17:46:23+5:302020-04-17T17:46:23+5:30
ट्राई ने कहा कि देश में पहली बार अंतरराष्ट्रीय कॉल समाप्ति शुल्क के लिए एक दायरा तय किया गया है। वह इसके अनुपालन पर कड़ी नजर रखेगी।
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने अंतरराष्ट्रीय कॉल को गंतव्य पर पहुंचाने के शुल्क (कॉल टर्मिनेशन चार्ज) में शुक्रवार को एक दायरे में बढ़ोत्तरी करने की छूट दी। पहले यह 30 पैसे प्रति मिनट थी जिसे अब 35-65 पैसे प्रति मिनट कर दिया है। इससे दूरसंचार कंपनियों को लाभ की उम्मीद है।
अंतरराष्ट्रीय कॉल समाप्ति शुल्क, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लंबी दूरी के कॉल संभालने वाले भारतीय परिचालक (आईएलडीओ) को विदेशी काल के गंतव्य वाले नेटवर्क आपरेटर को चुकानी होती है। इससे जिस घरेलू कंपनी के नेटवर्क पर विदेशों से आने वाली कॉल समाप्त होती है उसे इस शुल्क की राशि मिलती है।
ट्राई ने नयी व्यवस्था में इस शुल्क की निचली और अधिकतम दरें तय की हैं। जबकि दरें तय करने का अधिकार कंपनियों पर छोड़ दिया है। इससे कंपनियां यह तय कर सकती हैं कि इस शुल्क का कितना भार वह उठाएंगी और कितना वह वसूलेंगी और साथ ही वह किस दर से यह शुल्क वसूलेंगी।
हालांकि ट्राई ने स्पष्ट किया है कि कंपनियों को सभी आईएलडीओ से इस तरह के शुल्क की वसूली में भेदभाव रहित दृष्टिकोण अपनाना होगा। ट्राई ने कहा कि जिस नेटवर्क पर कॉल समाप्त होगी उसे अपने सहयोगी आईएलडीओ या इस क्षेत्र में काम कर रही अकेली अन्य आईएलडीओ को एक समान शुल्क दर की पेशकश करनी होगी ताकि एक सभी को प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक समान मंच मिल सके।
ट्राई ने कहा कि देश में पहली बार अंतरराष्ट्रीय कॉल समाप्ति शुल्क के लिए एक दायरा तय किया गया है। वह इसके अनुपालन पर कड़ी नजर रखेगी। इस बारे मे संपर्क करने पर दूरसंचार कंपनियों के संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने कहा कि यह ‘सही दिशा’ में उठाया गया कदम है।
ट्राई ने कंपनियों की वित्तीय हालत पर विचार करना शुरू किया है। सीओएआई के महासचिव राजन मैथ्यूज ने कहा, इससे घरेलू कंपनियों को वैश्विक कंपनियों के बराबर लाने मे मदद मिलेगी।