मोबाइल सिम खरीदने के लिए अब नहीं देना होगा Aadhaar, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला
By जोयिता भट्टाचार्या | Published: September 26, 2018 01:13 PM2018-09-26T13:13:27+5:302018-09-26T13:13:27+5:30
Aadhaar Card not compulsory to purchase new sim card: टेलीकॉम कंपनियां, ई-कॉमर्स कंपनियां, प्राइवेट बैंक और दूसरी ऐसी कंपनियां सेवाओं के लिए यूजर्स से बायोमेट्रिक और दूसरे डेटा की जानकारी नहीं मांग सकती।
नई दिल्ली, 26 सितंबर: लंबे समय से आधार कार्ड की वैधता को लेकर चली आ रही बहस पर सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने आधार कार्ड की संवैधानिकता को बरकरार रखा है। अब आपको नया मोबाइल सिम खरीदने के लिए आधार कार्ड की जरूरत नहीं होगी। अब आप बिना आधार कार्ड के भी नया मोबाइल सिम ले पाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आधार एक्ट के सेक्शन 57 को निरस्त कर दिया है।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने आधार स्कीम और इससे जुड़े 2016 के कानून की संवैधानिकता पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा कि यह पहचान का यूनीक जरिया है। जजों ने कहा है कि आधार संवैधानिक रूप से वैध है। यानी कि टेलीकॉम कंपनियां, ई-कॉमर्स कंपनियां, प्राइवेट बैंक और दूसरी ऐसी कंपनियां सेवाओं के लिए यूजर्स से बायोमेट्रिक और दूसरे डेटा की जानकारी नहीं मांग सकती।
आधार कार्ड को मोबाइल और बैंक अकाउंट से लिंक करना जरूरी नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि लोगों को बैंक खाता खोलने के लिए अब आधार जरूरी नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि बैंक खातों और मोबाइल नंबर से आधार लिंक करना अनिवार्य नहीं हैं। बॉयोमेट्रिक की सुरक्षा के पुख्ता उपाय की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने इस दिशा में कदम बढ़ाने की बात कही है। आधार एक्ट की धारा 57 को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। इसका मतलब ये हुआ कि कोई भी निजी कंपनी या कोई शख्स आपकी पहचान के लिए आपसे आधार की डिमांड नहीं कर सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार कार्ड पूरी तरह से सुरक्षित है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि आधार और पैन जैसे दूसरे आईडी प्रूफ में यह अंतर है कि आधार को डुप्लीकेट नहीं बनाया जा सकता। कोई आदमी अगर दोबारा आधार बनवाने की कोशिश करता है तो वह बायोमेट्रिक सिस्टम में पकड़ा जाएगा। इसलिए आधार यूनीक है।