Whatsapp ने दिया सरकार को जवाब- हैकिंग के बारे में भारतीय अधिकारियों को मई में ही दे दी गयी थी सूचना
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 2, 2019 10:13 AM2019-11-02T10:13:32+5:302019-11-02T10:13:32+5:30
आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि हमने व्हाट्सएप से पूछा कि वह भारतीय नागरिकों की निजता की रक्षा के लिये क्या उपाय कर रहा है।
व्हाट्सएप ने शुक्रवार को कहा कि उसने भारतीय अधिकारियों और अंतर्राष्ट्रीय सरकारी अधिकारियों को सुरक्षा से जुड़े मामले के बारे में मई में सूचित किया था। मई में ही हमने सिक्योरिटी मसले को सुलझा लिया और संबंधित भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय सरकारी अधिकारियों को सूचित किया। तभी से हमने टार्गेट पर रहने वाले यूजर्स की पहचान शुरू किया।
व्हाट्सएप ने बताया ऐसा करने के पीछे उनका मकसद था कि NSO ग्रुप नाम के रूप में पहचानी जाने वाली इंटरनेशनल स्पाईवेयर फर्म को पकड़ने के लिये अदालतों को कहा जा सके।
कंपनी ने यह भी कहा कि वह अपने भारतीय यूजर्स की गोपनीयता की सुरक्षा के लिये भारत सरकार के साथ काम करना चाहती थी। व्हाट्सएप स्पोक्सपर्सन ने कहा कि हम सभी यूजर्स के मैसेज को सुरक्षित रखने के लिये प्रतिबद्ध हैं।
विश्वभर में व्हाट्सएप के 1.5 बिलियन यूजर्स हैं जिसमें से सिर्फ भारत में 400 मिलियन लोग व्हाट्सएप का इस्तेमाल करते हैं। सूचना मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि सरकार व्हाट्सएप की विफलता से चिंतित है कि कि भारत में कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं वकीलों और पत्रकारों सहित दुनिया भर में लगभग 1400 लोगों की जासूसी करने के लिये व्हाट्सएप प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया गया।
उन्होंने यह भी कहा कि जब लोगों पर यह साइबर हमला हुआ तब भी व्हाट्सएप कंपनी ने कोई सूचना शेयर नहीं किया। अगर कोई जानकारी होती तो सरकार इसे रोकने के लिये कदम उठा सकती थी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल और लोकसभा के पूर्व सांसद संतोष भारतीय सहित कई भारतीयों के नाम उनमें शामिल हैं जिनकी जासूसी की गयी। यह जासूसी इजरायल आधारित एनएसओ समूह द्वारा विकसित पेगासस नाम के स्पायवेयर के जरिये की गई।
आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि हमने व्हाट्सएप से पूछा कि वह भारतीय नागरिकों की निजता की रक्षा के लिये क्या उपाय कर रहा है।
केंद्र ने लगाये व्हाट्सएप पर आरोप-
केंद्र सरकार का कहना है कि व्हाट्सएप के शीर्ष अधिकारियों के साथ जून से लेकर सितंबर के बीच हुई कई दौर की बातचीत में कंपनी ने एक बार भी पेगासस हैकिंग मामले का उल्लेख नहीं किया। जबकि इस दौरान सरकार उसके समक्ष फेक न्यूज और अफवाहों के स्रोत का पता लगाने के लिए कह रही थी। इसलिए उसकी मंशा पर सरकार को संदेह है।
सरकार हैकिंग मामले के खुलासे के समय को लेकर भी सवाल कर रही है। यह इसलिये भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि केंद्र सरकार ने देश में सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के उपाय के लिए सुप्रीम कोर्ट से तीन महीने का समय मांगा है।