भारत से कनाडा आईं नीलिमा अग्रवाल ने दो दिन पहले ही ज्वाइन किया था मेटा, कंपनी ने नौकरी से निकाला, शेयर किया भावुक पोस्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 11, 2022 08:21 AM2022-11-11T08:21:27+5:302022-11-11T08:53:51+5:30
मेटा द्वारा नौकरी से निकाले जाने के बाद नीलिमा अग्रवाल ने कहा, “वह एक हफ्ते पहले ही भारत से कनाडा स्थानांतरित हुई और इतनी लंबी वीजा प्रक्रिया से गुजरने के बाद दो दिन पहले मेटा के साथ जुड़ीं, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण दुखद दिन आ गया और मुझे नौकरी से निकाल दिया गया।”
नई दिल्ली: सोशल मीडिया क्षेत्र की दिग्गज कंपनी मेटा द्वारा नौकरी से निकाले गए 11 हजार लोगों में कुछ ऐसे भी भारतीय तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हैं, जिन्होंने अपनी जमी-जमाई नौकरी छोड़ दो-तीन दिन पहले ही यहां नौकरी शुरू की थी।
11,000 कर्मियों की छंटनी का गाज इस भारतीय महिला पर भी गिरा है
फेसबुक ने खर्चों में कटौती के लिए विभिन्न देशों में अपने 11,000 कर्मियों की छंटनी की है। ऐसे में दो दिन पहले ही मेटा से जुड़ीं एक सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) पेशेवर नीलिमा अग्रवाल ने सोशल मीडिया मंच ‘लिंक्डइन’ पर पोस्ट किया कि वह उन लोगों में से हैं जिन्होंने अपनी नौकरी खो दी है।
मेटा में नौकरी मिलने के दो दिन बाद ही निकाली गई महिला
मामले में बोलते हुए नीलिमा अग्रवाल ने कहा, “वह एक हफ्ते पहले ही भारत से कनाडा स्थानांतरित हुई और इतनी लंबी वीजा प्रक्रिया से गुजरने के बाद दो दिन पहले मेटा के साथ जुड़ीं, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण दुखद दिन आ गया और मुझे नौकरी से निकाल दिया गया।”
वह दो साल से हैदराबाद स्थित माइक्रोसॉफ्ट के कार्यालय में काम कर रही थीं और उन्होंने मेटा के लिए अपनी यह नौकरी छोड़ दी थी।
एक और युवक ने अपनी नौकरी खोई है
यही नहीं विश्वजीत झा नाम के एक अन्य पेशेवर ने बताया कि बेंगलुरू में एमेजॉन कार्यालय में तीन साल से अधिक समय तक काम करने के बाद वह तीन दिन पहले मेटा में नियुक्त हुए थे और अब उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है। आपको बता दें कि मेटा द्वारा फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप जैसे लोकप्रिय सोशल मीडिया मंचों का संचालन किया जाता है।
मेटा ने 11,000 कर्मचारियों को दिखाया बाहर का रास्ता
इससे पहले फेसबुक की मूल कंपनी मेटा ने अपने 13 प्रतिशत या लगभग 11,000 कर्मचारियों की छंटनी की है। कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मार्क जुकरबर्ग ने बुधवार को कर्मचारियों को लिखे पत्र में कहा कि कमाई में गिरावट और प्रौद्योगिकी उद्योग में जारी संकट के चलते यह फैसला करना पड़ा है।
मार्क जुकरबर्ग ने क्या कहा
छंटनी के बारे में जुकरबर्ग ने बयान में कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, यह मेरी अपेक्षा के अनुरूप नहीं हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऑनलाइन कॉमर्स के पिछले रुझान वापस आ गए हैं, लेकिन इसके साथ ही व्यापक आर्थिक मंदी, बढ़ती प्रतिस्पर्धा और विज्ञापन घटने के संकेत के चलते हमारी आय मेरी अपेक्षा से बहुत घट गई है। मैंने इसे गलत ढंग से समझा और मैं इसकी जिम्मेदारी लेता हूं।’’
ट्विटर में भी हो गई है छंटनी
इससे पहले अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने ट्विटर का अधिग्रहण करने के बाद वहां बड़े पैमाने पर कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया था। पिछले सप्ताह ट्विटर ने अपने 7,500 कर्मचारियों में से लगभग 50 प्रतिशत को बाहर कर दिया था।
लॉकडाउन में कंपनी ने अच्छा मुनाफा कमाया था
दूसरी सोशल मीडिया कंपनियों की तरह मेटा ने भी महामारी के चलते लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान जोरदार वृद्धि दर्ज की थी। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग घर पर रहे और उन्होंने अपने फोन तथा कंप्यूटर पर अधिक वक्त बिताया था। हालांकि, लॉकडाउन खत्म होने के बाद लोग बाहर जाने लगे और इन कंपनियों की कमाई डगमगाने लगी।