'गूगल-पे को वित्तीय लेनदेन की सुविधा प्रदान करने के लिए रिजर्व बैंक की अनुमति की जरूरत नहीं'

By रजनीश | Published: July 23, 2020 10:42 AM2020-07-23T10:42:23+5:302020-07-23T10:42:23+5:30

गूगल ने अधिवक्ता हिमांशु विज के माध्यम से दलील दी कि वह एनपीसीआई के नियमों के तहत काम करता है और इसके दिशा-निर्देशों तथा संबंधित कानूनों का पालन करता है। 

Google Pay does not need RBI authorisation as not a payment system operator Google to Delhi HC | 'गूगल-पे को वित्तीय लेनदेन की सुविधा प्रदान करने के लिए रिजर्व बैंक की अनुमति की जरूरत नहीं'

प्रतीकात्मक फोटो

Highlightsयाचिकाकर्ता, वित्तीय अर्थशास्त्री अभिजीत मिश्रा ने दावा किया है कि जी-पे नियमों का उल्लंघन कर भुगतान प्रणाली प्रदाता के रूप में काम कर रहा है और इसके पास भारत के केंद्रीय बैंक से आवश्यक अनुमति नहीं है। भारतीय रिजर्व बैंक ने पूर्व में कहा था कि गूगल-पे थर्ड पार्टी ऐप प्रदाता है और वह कोई भुगतान प्रणाली नहीं चलाता। इसलिए इसका परिचालन भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 का उल्लंघन नहीं है।

गूगल इंडिया डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा है कि गूगल-पे ऐप को भारतीय रिजर्व बैंक से अनुमति की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह भुगतान प्रणाली संचालक (पीएसओ) नहीं, बल्कि यह थर्ड पार्टी (तृतीय पक्ष) एप्लीकेशन प्रदाता है। 

गूगल ने एक शपथ पत्र में कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक से प्राधिकृत पीएसओ भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) है, जो समूचे एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) नेटवर्क का मालिक एवं संचालक है। 

शपथ पत्र में कहा गया कि एनपीसीआई भुगतान सेवा प्रदाता बैंकों और गूगल-पे जैसे थर्ड पार्टी एप्लीकेशन प्रदाताओं (टीपीए) को अपने नेटवर्क पर लेन-देन के लिए अधिकृत करती है। 

हलफनामा उस जनहित याचिका के जवाब में दायर किया गया जिसमें आरोप लगाया गया था कि गूगल का मोबाइल भुगतान ऐप-गूगल-पे या जी-पे भारतीय रिजर्व बैंक से आवश्यक अनुमति के बिना वित्तीय लेन-देन उपलब्ध करा रहा है। 

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ मामले पर अगली 31 अगस्त को सुनवाई करेगी क्योंकि याचिकाकर्ता ने गूगल के शपथ पत्र पर जवाब देने के लिए समय दिए जाने का आग्रह किया। 

याचिकाकर्ता, वित्तीय अर्थशास्त्री अभिजीत मिश्रा ने दावा किया है कि जी-पे नियमों का उल्लंघन कर भुगतान प्रणाली प्रदाता के रूप में काम कर रहा है और इसके पास भारत के केंद्रीय बैंक से आवश्यक अनुमति नहीं है। उन्होंने यह भी दलील दी कि जी-पे का नाम 20 मार्च 2019 को जारी भुगतान प्रणाली प्रदाताओं की एनपीसीआई की सूची में नहीं है। 

गूगल ने अधिवक्ता हिमांशु विज के माध्यम से दलील दी कि वह एनपीसीआई के नियमों के तहत काम करता है और इसके दिशा-निर्देशों तथा संबंधित कानूनों का पालन करता है। 

भारतीय रिजर्व बैंक ने पूर्व में कहा था कि गूगल-पे थर्ड पार्टी ऐप प्रदाता है और वह कोई भुगतान प्रणाली नहीं चलाता। इसलिए इसका परिचालन भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 का उल्लंघन नहीं है।

Web Title: Google Pay does not need RBI authorisation as not a payment system operator Google to Delhi HC

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