ट्विटर ने कर दी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट की फैक्ट चेकिंग, फेसबुक सीईओ जुकरबर्ग ने की आलोचना
By रजनीश | Published: May 29, 2020 02:18 PM2020-05-29T14:18:41+5:302020-05-29T15:06:45+5:30
जुकरबर्ग और डोर्सी का यह बयान तब आया है जब फैक्ट चेकिंग के बाद ट्रंप ने कहा कि वे 'सोशल मीडिया' पर केंद्रित कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे। बुधवार को ट्रंप ने चेतावनी के लहजे में कहा कि वे ऐसी वेबसाइट्स को रेगुलेट करना शुरू करेगा।
दुनिया भर में फैलाई जा रही तमाम फर्जी खबरों के बीच कई फैक्ट चेक करने वाली वेबसाइट्स कम कर रही हैं। इसके साथ ही कई बड़े मीडिया संस्थानों में भी फैक्ट चेक के नाम पर टीम बनी हुई हैं। अब ट्विटर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट को फैक्ट चेक करके गलत बता दिया। ट्विटर के इस कदम के बाद से बवाल मचा हुआ है। ट्विटर की तरफ से ट्रंप की फैक्ट चेकिंग पर फेसबुक सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने ट्विटर की आलोचना की है, वहीं फेसबुक के सीईओ जुकरबर्ग पर ट्रंप के समर्थन का आरोप भी लगने लगा है।
फॉक्स न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में जुकरबर्ग ने कहा कि 'मेरा मानना है कि फेसबुक को लोगों द्वारा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कही जाने वाली हर बात के लिए न्यायकर्ता नहीं बनना चाहिए।' फेसबुक का कहना है कि हमारी यूजर पॉलिसी ट्विटर से काफी अलग है। निजी कंपनियों को खासतौर पर ऐसा नहीं करना चाहिए।
ट्विटर के इस कदम के बाद ट्रंप भड़क गए थे और उन्होंने ट्विटर फैक्ट चेक को ही गलत ठहरा दिया था। ट्रंप ने ट्वीट कर कहा- 'ट्विटर अब अमेरिकी चुनाव-2020 में दखल देने की कोशिश कर रहा है। ट्रंप ने एक अन्य ट्वीट कर कहा कि 'ट्विटर अब बोलने की आज़ादी को छीनने का कम कर रहा है और बतौर एक अमेरिकी राष्ट्रपति मैं इसे बिलकुल सहन नहीं करूंगा।'
वहीं इस विवादित फैक्ट चेकिंग पर ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी ने कहा है कि उनका प्लेटफॉर्म यूजर्स द्वारा चुनावों के बारे में साझा किए गए गलत या विवादित जानकारी को लेकर फैक्ट चेकिंग जारी रखेगा।
ट्वीटर के सीईओ जैक डोर्सी ने ट्वीट करके कहा, 'यह हमें "सत्य का मध्यस्थ" नहीं बनाता है। हमारा इरादा विरोधी बयानों की सच्चाई बताने का है ताकि लोग यह तय कर सकें कि क्या गलत है और क्या सही। हमारे के लिए पारदर्शिता अधिक महत्वपूर्ण है।'
जुकरबर्ग और डोर्सी का यह बयान तब आया है जब फैक्ट चेकिंग के बाद ट्रंप ने कहा कि वे 'सोशल मीडिया' पर केंद्रित कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे। बुधवार को ट्रंप ने चेतावनी के लहजे में कहा कि वे ऐसी वेबसाइट्स को रेगुलेट करना शुरू करेगा। ये पहली बार हुआ है जब ट्रंप के किसी ट्वीट को ट्विटर ने फैक्ट चेक किया हो।
क्या है पूरा मामला
ट्रंप ने मंगलवार को ट्वीट करके दावा किया कि मेल-इन वोटिंग से चुनावों में फर्जीवाड़ा होता है। इस ट्वीट को तथ्यात्मक गलत बताते हुए ट्विटर ने फैक्ट चेकिंग करते हुए सही जानकारी का लिंक शेयर कर दिया। लिंक में लिखा था 'मेल-इन बैलट के बारे में तथ्य पता करें।' ट्रंप ने जो ट्वीट किए थे उनमें किए गए दावों को लेकर कोई सबूत नहीं दिया गया था।