भगवान शंकर क्यों पहनते हैं बाघ की खाल ?
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: December 20, 2017 03:22 PM2017-12-20T15:22:37+5:302017-12-20T17:00:37+5:30
अड़बंगी कहे जाने वाले भगवान शिव की महिमा अपरंपार है। भगवान शिव के प्रति करोड़ों भक्तों की आस्था और विश्वास इस बात का गवाही देते हैं।
अक्सर हमने तस्वीरों, टीवी और मंदिरों में भगवान शिव को बाघ की खाल धारण किए हुए देखा है। भगवान शिव जितनी चीजें अपनी शरीर पर धारण किए हैं सब असाधारण चीजें शामिल है जैसे त्रिशूल, गले में सर्प, जटाओं में बहती गंगा की धारा, शरीर में भस्म और बाघ की खाल। हर एक धारण चीज की अपनी एक पौराणिक कथा है। आज हम आपको भगवान शिव के धारण किए हुए बाघ की खाल के बारे में बताएंगे।
पौराणिक किंवदंती
शिव पुराण के मुताबिक एक बार भगवान शिव संसार का चक्कर लगा रहे थे। चक्कर लगाते-लगाते भगवान शिव एक जंगल में जा पहुंचे। जंगल में कई ऋषि-मुनि अपने परिवार के साथ रहते थे। भगवान शिव जंगल में निवस्त्र होकर घूम रहे थे लेकिन वे इस बात से अंजान थे कि जंगल में ऋषि -मुनियों का परिवार रहता है। भगवान शंकर को देख ऋषि-मुनियों की पत्नियां उनकी ओर आकर्षित होने लगी। ऋषि-मुनियों की पत्नियों ने अपना सारा काम छोड़कर भगावन शिव पर ध्यान केंद्रित करने लगी थी। कुछ देर बाद जब यह बात ऋषियों को पता चला तो वे बहुत क्रोधित हुए और ऋषियों ने उन्हें सबक सिखाने की योजना बनाने लगे।
ऋषियों ने एक बड़ा सा गड्डा बनाया जिसमें एक बाघ को गिरा दिया ताकि बाघ भगवान शिव को मार के खा सके। कुछ समय बाद भगवान शिव उस गड्ढे से बाहर निकले तो भगवान शिव ने बाघ को मारकर अपने शरीर में बाघ की खाल लपेट रखी थी। यह नजारा देख ऋषि समझ गए कि यह कोई साधारण व्यक्ति नहीं है। कहा जाता है कि तब से भगवान शिव ने बाघ की खाल अपने शरीर पर धारण किया है।