भगवान शिव की संतान थे वीरभद्र, इसलिए किया था राजा दक्ष का वध-पढ़ें उनके जन्म की ये रोचक कथा
By मेघना वर्मा | Published: May 10, 2020 11:10 AM2020-05-10T11:10:24+5:302020-05-10T11:10:24+5:30
भगवान शिव के परिवार की बात करें तो बेटे कार्तिकेय और गणेश के अलावा महादेव के एक और संतान थी। जिनका नाम वीरभद्र बताया जाता है।
पुराणों में भगवान शिव से जुड़े कई प्रसंग सुनने को मिलते हैं। शिव का गुस्से में तीसरी आंख खोलना हो या भक्त की रक्षा करना। शिव की चरणों में आने वाले किसी भी आदमी को कभी कष्ट नहीं सहना पड़ा। वहीं भगवान शिव के परिवार की बात करें तो बेटे कार्तिकेय और गणेश के अलावा महादेव के एक और संतान थी। जिनका नाम वीरभद्र बताया जाता है।
वीरभद्र को भगवान शिव की संतान बताया जाता है। मान्यता है कि शिव जी की ही तरह वीरभद्र का भी गुस्सा काफी तेज था। बताया ये भी जाता है कि वो वीरभद्र ही थे जिन्होंने सती के पिता और शिव जी के ससुर राजा दक्ष का वध किया था।
क्या है वीरभद्र के जन्म की कहानी और क्यों किया वीरभद्र ने राजा दक्ष का वध पढ़िए ये पौराणिक कथा-
लोककथाओं की मानें तो वीरभद्र का जन्म भगवान शिव की जटाओं के अंश से हुआ था। शिवपुराण में वीरभद्र की उत्पत्ति के बारे में पढ़ने को मिलता है। इसके अनुसार एक बार राजा दक्ष प्रजापति ने एक यज्ञ का आयोजन किया था। जिसमें सभी देवताओं को निमंत्रण दिया गया था मगर शिव जी को आमंत्रित नहीं किया गया था।
जब माता सीता को ये बात पता चली तो उन्होंने पिता के घर यज्ञ में जाने का मन बना लिया। शिव जी के लाख समझाने पर भी वो बिना निमंत्रण के पिता के घर चली गईं। माता सती ने ये तर्क दिया कि पिता के घर जाने कि लिए किसी भी निमंत्रण पत्र की जरूरत नहीं होती। जब माता सीता अपने मायके पहुंची तो वहां किसी ने भी उनका सम्मान नहीं किया। किसी ने भगवान शिव के बारे में पूछा भी नहीं।
माता सती इस अपमान को बर्दाश्त नहीं कर पायीं। उन्होंने उसी यज्ञ में आत्मदाह कर लिया। इस बात की खबर जब भगवान शिव को लगी तो वो क्रोधित हो उठे। उन्होंने दक्ष की सेना और वहां मौजूद सभी लोगों को दंड देने के लिए अपनी जटा से वीरभद्र नामक एक गण को उत्पन्न किया। वीरभद्र ने शिव की आज्ञा पाकर राजा दक्ष का सिर धड़ से अलग कर दिया। भगवान शिव के इस गण, वीरभद्र की दक्षिण भारत में शिवजी की तरह पूजा की जाती है।