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महाभारत: ऐसे हुई थी श्रीकृष्ण के माता-पिता की मृत्यु, पढ़ें ये पौराणिक कथा

By मेघना वर्मा | Updated: May 16, 2020 14:21 IST

सारथी श्रीकृष्ण ने इस युद्ध में हथियार नहीं उठाए लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान उन्हें ही झेलना पड़ा था।

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ठळक मुद्देश्रीकृष्ण के माता-पिता को भी इसका नुकसान उठाना पड़ा। महाभारत का युद्ध समाप्त होने के बाद जब भगवान श्रीकृष्ण गांधारी से मिले तो उन्होंने कौरव की मृत्यु की खबर सुनाई।

भगवान श्रीकृष्ण उनकी लीलाओं के लिए जाने जाते हैं। बालकाल से ही उनकी लीलाओं ने लोगों को अच्म्भे में डाल दिया था। वहीं महाभारत के युद्ध में श्रीकृष्ण की महत्वपूर्ण भूमिका थी। महाभारत का युद्ध धर्म और अधर्म के बीच का माना जाता है। 

सारथी श्रीकृष्ण ने इस युद्ध में हथियार नहीं उठाए लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान उन्हें ही झेलना पड़ा था। गांधारी के श्राप की वजह से यादुवंशियों का नाश हो गया। सिर्फ यही नहीं श्रीकृष्ण के माता-पिता को भी इसका नुकसान उठाना पड़ा। आईए आपको बताते हैं कैसे हुई श्रीकृष्ण के माता-पिता की मृत्यु।

गांधारी ने दिया था श्राप

पौराणिक कथा के अनुसार महाभारत का युद्ध समाप्त होने के बाद जब भगवान श्रीकृष्ण गांधारी से मिले तो उन्होंने कौरव की मृत्यु की खबर सुनाई। माता गांधारी ये सुनकर विलाप करने लगीं और उन्होंने क्रोध में आकर श्रीकृष्ण को श्राप दिया। गांधारी ने कहा कि आप तो सबकुछ जानते थे फिर भी उन्हें रोकने की कोशिश क्यों नहीं की। मेरे कुल का विनाश हो गया इसका दंड आपको मिलेगा। गांधारी ने कहा कि आपके कुल का भी नाश हो जाएगा। आपके सारे भाई लड़ मरेंगे। 

मान्यता है कि कुछ सालों बाद यादुवंशियों के बीच युद्ध छिड़ गया। जिसमें यादव वंश का नाश हुआ। वहीं भगवान श्रीकृष्ण को एक बहेलिए ने हिरन समझकर तीर मार दिया। जिससे श्रीकृष्ण की मृत्यु हो गई। श्रीकृष्ण की मुत्यु का समाचार जब वासुदेव को मिला तो वह अपने पुत्र वियोग को सहन नहीं कर सके और उनकी भी मृत्यु हो गई। वहीं पति और बेटे दोनों की मृत्यु से विचलित देवकी ने अपनी जान दे दी।

मिला था पिछले जन्म का दंड

लोक कथाओं में तो ये कहा जाता है कि श्रीकृष्ण को उनके पिछले जन्मों का फल मिला था। जिस जन्म में उन्होंने श्रीराम का रूप लेकर बाली को धोखे से मार दिया था। सतयुग में हुई इस घटना का फल उन्हें द्वापर युग में मिला और उनकी मृत्यु हुई।

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