Vijayadashami 2022 Date: दशहरा 5 अक्टूबर को, जानें इस दिन विजय मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

By रुस्तम राणा | Published: September 29, 2022 02:05 PM2022-09-29T14:05:45+5:302022-09-29T14:05:45+5:30

Dussehra 2022: इस साल दशहरा 05 अक्टूबर को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार दशहरा पर्व को अधर्म पर धर्म की, असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक माना जाता है।

Vijayadashami 2022 Date Time Muhurat puja vidhi and significance of dussehra | Vijayadashami 2022 Date: दशहरा 5 अक्टूबर को, जानें इस दिन विजय मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Vijayadashami 2022 Date: दशहरा 5 अक्टूबर को, जानें इस दिन विजय मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Vijayadashami 2022 Date Time Muhurat: विजयादशमी एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है। विजयादशमी को ही दशहरा कहा जाता है और हिंदू धर्म में दशहरे को अबूझ मुहूर्तों में से एक माना जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, आश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजयादशमी कहते हैं। इस दिन अधर्म के प्रतीक रावण के पुतले का दहन किया जाता है। इसके अलावा शस्त्रों की पूजा भी इसी दिन की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार दशहरा पर्व को अधर्म पर धर्म की, असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक माना जाता है।

कब मनाया जाएगा दशहरा 2022?

हिन्दू पंचांग के अनुसार, अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 04 अक्टूबर को दोपहर 02 बजकर 20 मिनट से शुरू हो रही है, जिसका समापन 05 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे होगा। उदयातिथि के अनुसार इस साल दशहरा 05 अक्टूबर को मनाया जाएगा। 

विजयादशमी मुहूर्त

विजयादशमी के दिन विजय मुहूर्त 5 अक्टूबर की दोपहर 02 बजकर 13 से दोपहर 03 बजे तक रहेगा। जबकि इससे पहले इस दिन सुबह 11 बजकर 33 मिनट से लेकर 01 बजकर 02 मिनट तक अमृत काल मुहूर्त है।  

दशहरा पूजा विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें। इसके बाद गेंहू या चूने से दशहरा की प्रतिमा बनाएं। गाय के गोबर से 9 गोले व 2 कटोरियां बनाकर, एक कटोरी में सिक्के और दूसरी कटोरी में रोली, चावल, जौ व फल रखें। अब प्रतिमा को केले, जौ, गुड़ और मूली अर्पित करें। सामार्थ्य के अनुसार ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा दें और गरीबों को भोजन कराएं। रावण दहन के बाद शमी वृक्ष की पत्ती अपने परिजनों को देकर उनका आशीर्वाद लें।

दशहरा के धार्मिक महत्व

विजयादशमी से दो पौराणिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। पहली मान्यता ये है कि इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर देवलोक को उसके आतंक से मुक्त कराया था। मां शक्ति और महिषासुर के बीच दस दिनों तक युद्ध चला था। वहीं दूसरी मान्यता ये है कि भगवान श्री ने विजयादशमी के दिन लंकापति रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त की थी और मां सीता को उसके चंगुल से आजाद कराया था। इसलिए हर साल दशहरा के दिन देशभर में रावण के पुतले फूंके जाते हैं।

Web Title: Vijayadashami 2022 Date Time Muhurat puja vidhi and significance of dussehra

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