अगर आपको भी नहीं याद है पितरों के श्राद्ध का दिन, तो करें बस ये 1 उपाय
By मेघना वर्मा | Published: September 26, 2018 08:48 AM2018-09-26T08:48:04+5:302018-09-26T08:48:04+5:30
आप अपने पितरों के लिए प्रतिदिन कुछ मीठा और दूध जरूर निकालें।
25 सितंबर से हिन्दू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण पितृ पक्ष प्रारम्भ हो गया है। अपने पितरों को याद करने और उनकी आत्मा की शांति के लिए इस दौरान लोग श्राद्ध करते हैं। बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो सही दिन पर अपने पितरों को श्राद्ध करते हैं मगर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें अपने पितरों के श्राद्ध का दिन नहीं पता होता। ऐसे में ये सबसे बड़ी समस्या होती है कि अपने पितरों का श्राद्ध कब करें। आज हम आपको ऐसे ही उपाय बताने जा रहे हैं जिनकी सहायता से आप अपने उन पितरों का श्राद्ध भी कर सकते हैं जिनकी श्राद्ध की तिथि आपको पता ना हो।
बस ये एक उपाय है कारगर
अगर आपको अपने पितरों की तिथि याद ना हो तो आप पितृ विसर्जनी अमावस्या के दिन श्राद्ध कर सकते हैं। माना जाता है कि इस अमावस्या को ज्ञात और अज्ञात सभी पितरों का तर्पण किया जा सकता है। मगर ध्यान देने वाली बात ये है कि इस श्राद्ध में भोजनांश या मिठाई 16 अंशों में निकाली जाती है। मान्यता है कि इससे पितरों की तृप्ति हो जाती है।
जिन लोगों को अपने पितरों की तिथि याद नहीं होती वह अपने पितरों का प्रतिदिन तर्पण कर सकते हैं। अपने पूर्वजों के तर्पण के लिए ये जरूरी नहीं होता की आपको तिथि याद ही हो। बस एक पात्र में कच्चा दूध, कुश और जल के साथ पुष्प लेकर दाएं हाथ के अंगूठे को धरती की तरफ कर लें और जल का तर्पण करें।
आप अपने पितरों के लिए प्रतिदिन कुछ मीठा और दूध जरूर निकालें। इसे कौवे, गाय, कुत्ते या चीटियों को खिला दें। इससे भी आप पर अपने पितरों का आशिर्वाद बना रहेगा।