अमेरिकी सांसद ने कहा- कोरोना संकट के दौरान भगवद् गीता के पाठ से मिलेगी शांति और शक्ति
By गुणातीत ओझा | Published: June 13, 2020 06:38 PM2020-06-13T18:38:34+5:302020-06-13T18:38:34+5:30
ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि श्रीमद भगवद गीता के श्लोक में मनुष्य जीवन की हर समस्या का हल छिपा है। इन बातों से अरमेरिका की सांसद तुलसी गबार्ड भी वाकिफ हैं। जानें उन्होंने गीता के बारे में छात्रों से क्या कहा है।
वाशिंगटन। अमेरिका की पहली हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड ने कहा कि इस अस्त-व्यस्त दौर में व्यक्ति को भगवद् गीता में निश्चितता, शक्ति और शांति मिल सकती है। ऑनलाइन दिए संबोधन में हवाई से 39 वर्षीय कांग्रेस सदस्य ने कहा कि यह अव्यवस्था का दौर है और कोई भी यकीन के साथ यह नहीं कह सकता कि आने वाला कल कैसा होगा। गबार्ड ने ‘हिंदू छात्रों के लिए 2020 की कक्षा’ में कहा, ‘‘लेकिन हम भगवद् गीता में कृष्ण द्वारा सिखाए भक्ति योग और कर्म योग के जरिए निश्चितता, शक्ति और शांति पा सकते हैं।’’
अमेरिका के मिनियापोलिस में एक श्वेत पुलिस अधिकारी के हाथों अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों के बीच उनका यह संबोधन हुया है। हिंदू छात्र परिषद ने सात जून को पहले ऑनलाइन हिंदू संबोधन का आयोजन किया जिसमें कोविड-19 संकट के दौरान एकजुटता व्यक्त करने के लिए फेसबुक और यूट्यूब पर हजारों दर्शक आए। जॉन्स हॉप्किन्स विश्वविद्यालय के अनुसार इस महामारी से दुनियाभर में 76,00,000 से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और 4,25,000 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं। अमेरिका इस बीमारी से सबसे अधिक प्रभावित देश है।
जानें कौन हैं तुलसी गबार्ड
तुलसी गबार्ड अमेरिका की प्रथम हिंदू कोंग्रेसवुमन हैं जो अमेरिकी हाउस ऑफ रेप्रेसेंटटिव में डेमोक्रैटिक पार्टी की ओर से हवाई राज्य का प्रतिनिधित्व करती हैं। तुलसी अमेरिकी सेना (नैशनल गार्ड) में पिछले 16 वर्षों से सेवारत हैं और इस समय उनकी रैंक मेजर है। वह डोनाल्ड ट्रम्प की घोर विरोधी महिला नेता हैं। तुलसी गाबार्ड ने बचपन में ही हिन्दू धर्म अपना लिया था। उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस पद की शपथ भी, हिन्दू मान्यताओं की धार्मिक पुस्तक, भगवद गीता पर हाथ रख कर ली थी। 2016 के डेमोक्रैटिक पार्टी के राष्ट्रपतिपद के प्रत्याशी चुनावों में, पार्टी की कार्यकारिणी द्वारा बर्नी सैंडर्स के विरुद्ध दख़लंदाज़ी करने के आरोप सामने आने पर इन्होंने कार्यकारिणी को त्याग पत्र देकर अपना विरोध जारी किया और बर्नी सैंडर्स को अपना समर्थन दिया। इस साहसिक व नैतिक कदम के लिए उनकी बहुत सराहना हुई। अब 2020 में होने वाले चुनाव में राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी हैं।