सुप्रीम कोर्ट ने फेडरेशन ऑफ हज प्राइवेट टूर ऑपरेटर्स ऑफ इंडिया की हज कमेटी ऑफ इंडिया (एचसीओआई) के एक निर्देश के खिलाफ दायर याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया। यह याचिका उस निर्देश के खिलाफ दायर की गई थी जिसमें कहा गया था एचसीओआई के रेट के अनुसार (सरकारी दरों) प्राइवेट टूर ऑपरेटर्स को इस साल मुहैया कराए गए अतिरिक्त 10,000 कोटा में यात्रियों से शुल्क लेना होगा।
याचिका में कहा गया था कि सरकार ने जो शर्ते लगाई हैं उसे व्यावहारिक रूप में अमल में नहीं लाया जा सकता है। साथ ही उनका कहना था कि सरकारी दरों पर यात्रा कराने से उनका कारोबार बुरी तरह प्रभावित होगा। इससे इससे पहले पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने इस विषय पर केंद्र से जवाब मांगा था।
इस मामले पर जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस सूर्य कांत के वैकेशन बेंच ने सुनवाई करते हुए इसे खारिज करने का फैसला किया। अल्पसंख्यक मंत्रालय ने 3 जून को एक सर्कुलर जारी कर अतिरिक्त 10,000 सीटों का कोटा प्राइवेट टूर ऑपरेटर्स के लिए जारी किया था। इसमें यह शर्त भी जोड़ी गई थी कि प्राइवेट टूर ऑपरेटर्स को निर्देश दिये गये थे कि अतिरिक्त कोटा सीट पर उन्हें एचसीओआई के रेट के हिसाब से ही शुल्क लेना होगा।