Shani Jayanti: आज यानी 10 जून को शनि जयंती है। शनि जयंती को भगवान शनि के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन भौमवती अमावस्या और वटसावित्री व्रत भी है।
एक से अधिक शुभ तिथियों के कारण इस बार की शनि जयंती अत्यंत शुभ मानी जा रही है। हिन्दू धर्म के अनुसार शनिदेव कर्मफल दाता हैं, यानी मनुष्य के कर्मों के अनुसार ही उसे फल देते हैं।
शनि देव, जो शनि ग्रह (हिंदी में शनि) का अवतार हैं, को न्याय के देवता के रूप में जाना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वह हमें वर्तमान और पिछले जन्मों के दौरान हमारे द्वारा किए गए पापों के लिए भुगतान करता है।
दिलचस्प बात यह है कि वह श्री कृष्ण के भक्त हैं, और भगवान शिव के अलावा कोई भी उन्हें अपना आशीर्वाद नहीं देता है।
बहुत से लोग शनि के प्रतिकूल प्रभाव को साढ़े साती या ढैया के रूप में अनुभव करते हैं। इसलिए शनि के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए सुंदरकांड का पाठ करें।
शनिदेव न्याय प्रिय हैं इसलिए अन्याय करने वाले को दंड देते हैं। शनि जयंती के उपलक्ष्य में आइए आपको बताते हैं शनि देव को प्रसन्न करने के कुल 5 उपाय। इन्हें नियमानुसार करने से भगवान शनि की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
- पीपल के पेड़ के नीचे शनिदेव की मूर्ति के पास तेल चढ़ाएं- चीटियों को काला तिल और गुड़ खिलाएं- चमड़े के जूते चप्पल गरीबों में दान करें- पीपल के पेड़ में केसर, चन्दन, फूल आदि अपिर्त करके तेल का दीपक जलाएं- यदि नीलम धारण किया हुआ है तो इसे शनि जयंती पर उतार दें
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शनि जयंती पर करें इन मंत्रों का जाप:
1. सूर्यपुत्रो दीर्घदेहो विशालाक्षः शिवप्रियःमंदचार प्रसन्नात्मा पीड़ां हरतु में शनिः
2. नीलांजन समाभासं रवि पुत्रां यमाग्रजं।छाया मार्तण्डसंभूतं तं नामामि शनैश्चरम्।।प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः
3. ओम शं शनैश्चराय नमः।
4. ओम शं शनैश्चराय नमः। ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिया।कण्टकी कलही चाथ तुरंगी महिषी अजा।। शं शनैश्चराय नमः।
5. ओम शं शनैश्चराय नमः।कोणस्थ पिंगलो बभ्रु कृष्णौ रौद्रान्तको यमः।सौरि शनैश्चरा मंद पिप्पलादेन संस्थितः।।ओम शं शनैश्चराय नमः।