Sawan Shivratri 2020: कब है सावन शिवरात्रि? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और विशेष महत्व
By गुणातीत ओझा | Published: July 18, 2020 04:31 PM2020-07-18T16:31:49+5:302020-07-18T16:31:49+5:30
सावन में शिवरात्रि (Sawan Shivratri) का विशेष महत्व होता है। सावन की शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की भक्तों पर विशेष कृपा बरसती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं। सारी समस्याएं खत्म हो जाती हैं और सुख की प्राप्ति होती है। मनोवांछित फल पाने के लिए यह व्रत अति पावन है।
सावन में इस बार शिवरात्रि (Sawan Shivratri) 19 जुलाई (रविवार) यानी कल है। सावन शिवरात्रि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मनाई जाती है। शास्त्रों में कहा गया है कि सावन की शिवरात्रि का बड़ा महत्व है। सावन शिवरात्रि का व्रत (Fast) रखने वाले भक्तों का सारा कष्ट भोलेनाथ (Bholenath) हर लेते हैं। मान्यता है कि सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं। मनोवांछित फल पाने के लिए यह व्रत अति पावन है। दांपत्य जीवन में प्रेम बरकरार रखने के लिए इस व्रत को जरूर रखना चाहिए। आइए आपको बताते हैं सावन में शिवरात्रि पूजा का मुहूर्त, पूजा विधि और विशेष महत्व के बारे में जरूरी बातें...
सावन शिवरात्रि पूजा मुहूर्त
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ- 19 जुलाई 2020 को सुबह 12:41 बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त- 20 जुलाई 2020 को सुबह 12:10 बजे
निशिता काल पूजा समय- सुबह 12:07 बजे से लेकर सुबह 12:10 बजे तक
सावन शिवरात्रि की पूजा विधि
सावन शिवरात्रि के दिन सुबह स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप जरूर जलाएं।
अगर आपके घर में शिवलिंग है तो शिवलिंग का गंगा जल से अभिषेक करें।
गंगा जल न होने पर आप साफ पानी से भी भोले बाबा का अभिषेक कर सकते हैं।
जिनके घर में शिवलिंग नहीं है वह भोले बाबा की तस्वीर के सामने उनका ध्यान करें।
इसके बाद भगवान शिव की आरती करें।
भगवान शिव के साथ साथ माता पार्वती की भी आरती करें।
इस दिन अपनी इच्छानुसार भगवान शिव को भोग लगाएं।
भगवान को सात्विक आहार का ही भोग लगाएं।
भोग में कुछ मीठा जरूर शामिल करें।