Sawan Putrada Ekadashi 2023: श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत कब है? जानिए तिथि, मुहूर्त, व्रत विधि और महत्व

By रुस्तम राणा | Published: August 24, 2023 07:26 PM2023-08-24T19:26:19+5:302023-08-24T19:26:19+5:30

हिन्दू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को सावन पुत्रदा एकादशी व्रत रखा जाता है। हिन्दू धर्म में हर एक व्रत का अपना अलग महत्व होता है।

Sawan Putrada Ekadashi 2023 date muhurat, vrat vidhi and significance | Sawan Putrada Ekadashi 2023: श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत कब है? जानिए तिथि, मुहूर्त, व्रत विधि और महत्व

Sawan Putrada Ekadashi 2023: श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत कब है? जानिए तिथि, मुहूर्त, व्रत विधि और महत्व

Sawan Putrada Ekadashi Vrat 2023: सावन पुत्रदा एकादशी व्रत 27 अगस्त, 2023, रविवार को रखा जाएगा। यह एकादशी व्रत रक्षाबंधन पर्व से पहले आती है और सावन माह की आखिरी एकादशी होती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को सावन पुत्रदा एकादशी व्रत रखा जाता है। हिन्दू धर्म में हर एक व्रत का अपना अलग महत्व होता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, सावन पुत्रदा एकादशी व्रत करने से निःसंतान दंपति को संतान प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 

सावन पुत्रदा का शुभ मुहूर्त

श्रावण पुत्रदा एकादशी तिथि का आरंभ-26 अगस्त 2023 को रात 12:08 बजे से
श्रावण पुत्रदा एकादशी तिथि का समापन- 27 अगस्त 2023 को रात 9:32 बजे तक
पुत्रदा एकादशी व्रत पारण समय- 28 अगस्त 2023, सुबह 05:57 बजे से  8:31 बजे तक

सावन पुत्रदा एकादशी व्रत विधि

प्रात: काल स्नानादि के बाद व्रत का संकल्प लें।
पूजा स्थान पर एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं।
भगवान विष्णु की तस्वीर स्थापित करें। 
एकादशी पर भगवान विष्णु का दक्षिणावर्ती शंख से दूध में केसर मिलाकर अभिषेक करें।
भगवान विष्णु को पीला फल, पीले पुष्प, पंचामृत, तुलसीदल, फल, मिठाई, सुपारी, लौंग, चंदन, अर्पित करें।
श्रीहरि के साथ मां लक्ष्मी की पूजा षोडोपचार से पूजा करें।
धूप-दीप जलाकर श्रावण पुत्रदा एकादशी पर की कथा पढ़ें।
विष्णु जी के मंत्रों का एक माला जाप करें।
अब भगवान विष्णु की आरती करें और गरीबों को सामर्थ्य अनुसार दान करें।
अगले दिन द्वादशी पर विधि पूर्वक पूजा-पाठ कर व्रत का पारण करें।

पुत्रदा एकादशी का महत्व

पुत्रदा एकादशी व्रत साल में दो बार आता है। पहली एकादशी श्रावण मास में तो दूसरी पौष मास में आती है। दोनों ही एकादशी व्रत का समान महत्व है। इस एकादशी का व्रत करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। इस एकादशी के दिन शंख, चक्र और गदाधारी भगवान विष्णु के स्वरूप की पूजा करने और श्रीमद् भगवद्गीता का पाठ करने से जन्मों जन्मों के पास से मुक्ति मिलती है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। 

Web Title: Sawan Putrada Ekadashi 2023 date muhurat, vrat vidhi and significance

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