Shravan 2019: शिवरात्रि पर जल चढ़ाने का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और शिवरात्रि का महत्व, जानिए सबकुछ

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 29, 2019 09:26 IST2019-07-29T09:26:45+5:302019-07-29T09:26:45+5:30

सावन की शिवरात्रि इस बार 30 जुलाई को है। यह मंगलवार का दिन है। सोमवार जहां भगवान शिव को समर्पित है वहीं, मंगलवार का दिन माता पार्वती को समर्पित होता है।

Sawan 2019 shivratri jal chadhane ka shubha muhurt shravan shivratri importance and katha | Shravan 2019: शिवरात्रि पर जल चढ़ाने का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और शिवरात्रि का महत्व, जानिए सबकुछ

सावन-2019: शिवरात्रि के मौके पर जल चढ़ाने का शुभ मुहूर्त

Highlightsसावन-2019 की शिवरात्रि 30 जुलाई को है, यह मंगलवार का दिन हैसावन के शिवरात्रि का है विशेष महत्व, चल चढ़ाने से भगवान शिव होते हैं प्रसन्न

हर साल फाल्गुन महीने में पड़ने वाली महाशिवरात्रि के साथ-साथ सावन की शिवरात्रि का भी बहुत महत्व है। मान्यता है कि सावन में शिवरात्रि की पूजा करने और भगवान शिव को जल चढ़ाने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। शिवरात्रि हर महीने में आती है, ऐसे में जो भक्त मासिक शिवरात्रि का व्रत करना चाहते हैं वे भी सावन के शिवरात्रि से इस व्रत की शुरुआत कर सकते हैं। आईए, जानके हैं कि इस बार सावन की शिवरात्रि के मौके पर चढ़ाने का शुभ मुहूर्त क्या है...

सावन 2019: शिवरात्रि पर जल चढ़ाने का शुभ मुहूर्त

सावन की शिवरात्रि इस बार 30 जुलाई को है। यह मंगलवार का दिन है। सोमवार जहां भगवान शिव को समर्पित है वहीं, मंगलवार का दिन माता पार्वती को समर्पित होता है। यह दिन सावन के दूसरे मंगला गौरी व्रत का भी है। इस बार सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 9.10 से दोपहर 2.00 बजे तक है। वैसे यह पूरा दिन ही बहुत शुभ माना गया है।

सावन 2019: त्रोयदशी और चतुर्दशी में जल चढ़ाने का विशेष विधान

शिवरात्रि के मौके पर त्रोयदशी और चतुर्दशी में जल चढ़ाने का विशेष विधान है। ऐसे में त्रोयदशी  29 जुलाई (सोमवार) को शाम पांच बजकर 9 मिनट से शुरू हो जाएगा। ऐसे में इसी समय से जलाभिषेक भी शुरू हो जाएगा। इसके बाद 30 जुलाई को 2 बजकर 49 मिनट पर चतुर्दशी प्रारंभ होगा। ऐसे में त्रोयदशी और चतुर्दशी के संगम काल में अगर जल चढ़ाया जाए तो यह सबसे शुभ होगा।

सावन 2019: शिवरात्रि की पूजा विधि  

शिवरात्रि व्रत में उपवास या फलाहार की मान्यता है। ऐसे में साधकों को पूरी तैयारी पहले ही कर लेनी चाहिए। सूर्योदय से पहले उठे। घर आदि साफ कर स्नान करें और साफ वस्त्र पहने। इसके बाद व्रत का संकल्प लें और भगवान को गंगा जल सहित, दूध, बेलपत्र, घतुरा, भांग और दूव चढ़ाएं। इसके अलावा फल और मिठाई भगवान को अर्पण करें। शिवरात्रि के दिन मान्यता है कि रात में भी जागरण करना चाहिए। इस दौरान 'ऊं नम: शिवाय' का जाप करते रहें। शिव चालीसा, शिव पुराण, रूद्राक्ष माला से महामृत्युंज्य मंत्र का जाप करने से भी भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और साधक का कष्ट दूर करते हैं।

Web Title: Sawan 2019 shivratri jal chadhane ka shubha muhurt shravan shivratri importance and katha

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