बिच्छू के काटने पर बेहोश हो गए सत्य साईं, होश आते ही हो गई थी ज्ञान की प्राप्ति, जानिए साईं के जीवन से जुड़ी 7 बातें

By उस्मान | Published: November 23, 2018 07:45 AM2018-11-23T07:45:11+5:302018-11-23T07:45:11+5:30

सत्य साईं की जिंदगी किसी चमत्‍कार से कम नहीं थी। वो छोटी सी उम्र में ऐसे काम कर जाते थे, जो शायद बड़े-बड़े भी ना कर पाए। उन्‍होंने बिना गुरु के ही अक्षर ज्ञान हासिल कर लिया। खुद ही भजन लिखने लगे और खेल-खेल में स्‍कूली शिक्षा पूरी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सचिन तेंदुलकर, ऐश्वर्या राय, राहुल द्रविड़, सोनू निगम जैसी मशहूर हस्तियां उन्हें अपना गुरु मानती हैं।

Sathya Sai Baba Birth Anniversary : interesting facts about sathya sai baba | बिच्छू के काटने पर बेहोश हो गए सत्य साईं, होश आते ही हो गई थी ज्ञान की प्राप्ति, जानिए साईं के जीवन से जुड़ी 7 बातें

फोटो- पिक्साबे

श्री सत्य साईं बाबा एक भारतीय गुरु और आध्यात्मिक नेता थे। 23 नवम्बर 1926 को जन्में सत्य साईं बाबा का बचपन का नाम सत्यनारायण राजू था। वे पिछले लगभग 60 वर्षों से भारत के कुछ अत्याधिक प्रभावशाली अध्यात्मिक गुरुओं में से एक थे। उन्हें शिरडी के साईं बाबा का दूसरा रूप माना जाता है। उनके अनुयायी उन्हें एक संत और चमत्कारिक बाबा मानते थे। उनकी जिंदगी किसी चमत्‍कार से कम नहीं थी। वो छोटी सी उम्र में ऐसे काम कर जाते थे, जो शायद बड़े-बड़े भी ना कर पाए। उन्‍होंने बिना गुरु के ही अक्षर ज्ञान हासिल कर लिया। खुद ही भजन लिखने लगे और खेल-खेल में स्‍कूली शिक्षा पूरी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सचिन तेंदुलकर, ऐश्वर्या राय, राहुल द्रविड़, सोनू निगम जैसी मशहूर हस्तियां उन्हें अपना गुरु मानती हैं। आज यानी  23 नवंबर को सत्य साईं बाबा के 93वें जन्म दिवस पर हम आपको उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास जानकारियां दे रहे हैं। 

1) ऐसा माना जाता ही कि वे बचपन से बुद्धिमान और धार्मिक काम करने वाले थे। बचपन से ही उनकी रूचि आध्यात्मिक प्रकृति से अधिक थी। वह भक्ति संगीत, नृत्य और नाटक में असामान्य रूप से प्रतिभाशाली थे।  

2) सत्य साईं बाबा द्वारा 'सत्य साईं संगठन' का निर्माण किया गया। उनके भक्त आध्यात्मिक नियमों का पालन करते हुए बाबा के पवित्र संदेशों का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। इस संगठन की 126 देशों में 1,200 शाखाएं हैं, जहां फ्री में स्वास्थ्य सेवाएं, पेयजल और शिक्षा दी जा रही है।  

3) 8 मार्च, 1940 को, उर्वकोंडा में अपने बड़े भाई सेशम राजू के साथ रहने के दौरान सत्य साईं के पैर पर एक बिच्छू ने काट लिया, जिस वजह से वे कई घंटों तक बेहोश रहे। इस घटना के अगले कुछ दिनों बाद उनके व्यवहार में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला। उनमें कभी हंसने, कभी रोने और कभी चुप रहने जैसे कई लक्षण दिखाई दिए। इतना ही नहीं, उन्होंने संस्कृत छंदों को गायन करना शुरू कर दिया और सबसे हैरान वाली बात यह है कि उन्हें इस भाषा का कोई पूर्व ज्ञान नहीं था। 

4) 23 मई 1940 को, सत्य साईं ने अपने परिवार के सदस्यों को बुलाकर उन्हें प्रसाद और फूल अर्पण किए। उनके पिता यह देखकर क्रोधित हो गए, उन्हें लगा कि उन्हें किसी ने वश में किया है। उन्होंने साईं को डंडे से मारना शुरू कर दिया और कहा कि अगर उन्होंने यह सच-सच नहीं बताया कि वो कौन हैं, तो पिटाई होती रहेगी। 20 अक्टूबर 1940 को युवा सत्य साईं ने शांतिपूर्वक कहा कि मैं शिरडी के साईं बाबा का अवतार हूं, मुझसे डरो नहीं।

5) साल 1944 में सत्य साईं बाबा के भक्तों ने पुट्टपर्थी गांव के पास एक मंदिर बनाया गया था। इसे अब 'प्राचीन मंदिर' के रूप में जाना जाता है। वर्तमान आश्रम प्रशांत निलायम का निर्माण 1948 में शुरू हुआ और 1960 में पूरा हो गया। साल 1954 में, सत्य साईं बाबा ने पुट्टपर्थी गांव में एक छोटा अस्पताल स्थापित किया। साल 1957 में सत्य साईं बाबा उत्तर भारतीय मंदिर दौरे पर गए।

6) साल 1963 के दौरान सत्य साईं बाबा को स्ट्रोक और चार बार हार्ट अटैक का सामना करना पड़ा, जिसकी वजह से उन्हें एक तरफ लकवा हो गया। प्रशांति निलयम में इकट्ठे हुए हजारों लोग उनके ठीक होने की दुआ कर रहे थे। इसके बाद उन्होंने सबके सामने खुद को ठीक किया। 

7) आज 168 देशों में उनके अरबों भक्‍त हैं। ये भक्‍त सत्‍य साईं को भगवान की तरह पूजते हैं। उन्‍हें शिरडी के साईं बाबा के साथ पूजा जाता है। दुनिया भर के दिलों पर प्रभाव छोड़ने के बाद सत्‍य साईं ने 24 अप्रैल 2011 को दुनिया को त्‍याग दिया।

Web Title: Sathya Sai Baba Birth Anniversary : interesting facts about sathya sai baba

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