लाइव न्यूज़ :

Rohini Vrat: कब है रोहिणी व्रत, जानें शुभ तिथि और पूजा विधि

By मेघना वर्मा | Updated: November 7, 2019 15:32 IST

रोहिणी व्रत में रोहिणी नक्षत्र का मुख्य स्थान होता है। इस दिन भगवान वासुपूज्य की पूजा की जाती है। साथ ही 3, 5 और 7 सालों के लिए इस व्रत को रखना पड़ता है।

Open in App
ठळक मुद्देसाल में 12 बार रोहिणी व्रत पड़ता है। जैन धर्म में इस व्रत का काफी महत्व बताया गया है।

जैन समुदाय में रोहिणी व्रत का सबसे ज्यादा महत्व माना जाता है। हर महीने आने वाले इस व्रत को लोग पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ मनाते हैं। यह व्रत मुख्य रूप से महिलाएं करती हैं अपने पति की लम्बी उम्र के लिए। 

रोहिणी व्रत में रोहिणी नक्षत्र का मुख्य स्थान होता है। इस दिन भगवान वासुपूज्य की पूजा की जाती है। साथ ही 3, 5 और 7 सालों के लिए इस व्रत को रखना पड़ता है। ये रोहिणी व्रत हर महीने आता है। साल 2019 के नवंबर महीने में इस बार रोहणि व्रत 14 नवंबर को पड़ रहा है। 

रोहिणी देवी करती हैं कृपा

रोहिणी व्रत का संबध सीधे माता रोहिणी से होती है। इस देवी की पूरी विधि-विधान से पूजा की जाती है। महिलाएं ही नहीं पुरुष भी इस दिन अपनी स्वेच्छा से व्रत रखते हैं। हर महिला अपने पति की लम्बी उम्र और उनके स्वास्थय के लिए यह व्रत रखती है। माना ये भी जाता है कि इस व्रत को रखने से धन और धान्य में वृद्धि होती है।

रोहिणी व्रत पूजा विधि

1. रोहिणि व्रत के दिन व्रती को जल्दी उठकर स्नान आदि करना चाहिए फिर स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए।2. इसके बाद भगवान वासुपूज्य की पंचरत्न से निर्मित प्रतिमा की स्थापना करना चाहिए।3. इनकी पूजा में वस्त्रों, फल और फूल के साथ नैवेध्य का भोग लगाना चाहिए।4. पूरे विधि-विधान से पूजा करना चाहिए।5. इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन करवाना चाहिए।

टॅग्स :जैन धर्मगौतम बुद्ध
Open in App

संबंधित खबरें

ज़रा हटकेकमाल और शानदार, 21 करोड़ रुपये की छूट, 186 लक्जरी कारें घर लाकर महाबचत, बीएमडब्ल्यू, ऑडी और मर्सिडीज खरीदीं

पूजा पाठजैन धर्म पर्यूषण महापर्वः 20 से 27 अगस्त तक मनाया जा रहा, आत्मउन्नयन, जीवन-जागृति का पर्व पर्यूषण

भारतपीएम मोदी ने आचार्य विद्यानंद महाराज की 100वीं जयंती पर डाक टिकट और सिक्के जारी किए

पूजा पाठBuddha Purnima 2025: युद्ध को मानवता के लिए अनावश्यक दु:ख मानते थे बुद्ध, शांति, करुणा और अहिंसा के प्रतीक

भारतIndore: गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स?, ब्रेन ट्यूमर से जूझ रही तीन वर्षीय लड़की ने जैन प्रथा ‘संथारा’ से त्यागे प्राण, क्या है कहानी

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठPanchang 04 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 04 December 2025: आज वित्तीय कार्यों में सफलता का दिन, पर ध्यान से लेने होंगे फैसले

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 03 December 2025: आज इन 3 राशि के जातकों को मिलेंगे शुभ समाचार, खुलेंगे भाग्य के द्वार