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Raksha Bandhan 2024: रक्षा बंधन के बाद आप कब खोल सकते हैं राखी? क्या है सही समय जानें यहां

By मनाली रस्तोगी | Updated: August 16, 2024 11:28 IST

Raksha Bandhan 2024: जहां एक बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, वहीं भाई उसकी देखभाल करने और उसे हर मुसीबत से बचाने का वादा करता है। यह बुरी शक्तियों को खत्म करने और भाई के जीवन से बीमारियों को दूर रखने के लिए एक महत्वपूर्ण वैदिक अनुष्ठान है।

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ठळक मुद्देराखी श्रावण माह में पूर्णिमा के दिन आती है।भाद्र माह के दौरान राखी नहीं मनाने की सलाह दी जाती है।रक्षा बंधन एक ऐसा शुभ त्योहार है जो भाई-बहन के बंधन का प्रतीक है।

राखी श्रावण माह में पूर्णिमा के दिन आती है। भाद्र माह के दौरान राखी नहीं मनाने की सलाह दी जाती है। रक्षा बंधन एक ऐसा शुभ त्योहार है जो भाई-बहन के बंधन का प्रतीक है। जहां एक बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, वहीं भाई उसकी देखभाल करने और उसे हर मुसीबत से बचाने का वादा करता है। यह बुरी शक्तियों को खत्म करने और भाई के जीवन से बीमारियों को दूर रखने के लिए एक महत्वपूर्ण वैदिक अनुष्ठान है।

क्या है इस बार रक्षा बंधन पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त?

इस बार रक्षा बंधन का त्योहार 19 अगस्त को मनाया जा रहा है। ऐसे में रक्षा बंधन पर राखी बांधने का शुभ समय दोपहर में 1:30 बजे से रात 9:08 बजे तक है। इस बार रक्षा बंधन को सुबह में राखी बांधने का मुहूर्त नहीं है। दरअसल, सुबह में भद्रा है। यह भद्रा पाताल की है।

क्या है राखी खोलने का सही समय?

हिंदू परंपराओं के अनुसार, रक्षा बंधन के आठ दिन बाद हम कृष्ण जन्माष्टमी मनाते हैं, जिसे राखी खोलने का एक आदर्श अवसर माना जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी सभी हिंदू लोगों का एक और प्रमुख त्योहार है जो भगवान कृष्ण की जयंती के उपलक्ष्य में अमावस्या को मनाया जाता है। आप सोच रहे होंगे कि कृष्ण जन्माष्टमी पर राखी खोलना अपशकुन क्यों नहीं माना जाता है?

भगवान कृष्ण और द्रौपदी की एक कहानी है जिसने रक्षा बंधन की शुरुआत की। यह कहानी आपके इस सवाल का भी जवाब देगी कि भगवान कृष्ण को राखी किसने बांधी थी। एक बार उन्होंने अपनी छोटी उंगली को घायल कर लिया था और द्रौपदी ने बिना सोचे-समझे उनके हाथ पर एक कपड़ा लपेट दिया था और यही वह क्षण था जब भगवान कृष्ण ने जीवन के सभी क्षेत्रों में अपनी बहन जैसी दोस्त की रक्षा करने की कसम खाई थी।

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों की Lokmat Hindi News पुष्टि नहीं करता है। यहां दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित हैं। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श लें।)

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