लाइव न्यूज़ :

राधाष्टमी 2019: बरसाना में कल और परसों राधा जन्मोत्सव, तैयारियां चरम पर, सुरक्षा कड़ी की गई

By भाषा | Updated: September 4, 2019 12:50 IST

राधा जन्मोत्सव आम तौर पर कृष्ण जन्माष्टमी के 15वें दिन मनाया जाता है। इसके लिए मथुरा के पास बरसाना, नंदगाव और रावल में खूब तैयारी की जाती है। मान्यता के अनुसार रावल को राधा का मूल जन्मस्थान माना जाता है।

Open in App
ठळक मुद्देबरसाना में पांच और छह सितंबर को राधा जन्मोत्सव मनाया जाएगाबरसाना, नन्दगांव और रावल में राधा जन्मोत्सव की विशेष तैयारीरावल को माना जाता है राधारानी का मूल जन्मस्थान

मथुरा के बरसाना में पांच और छह सितंबर को राधा जन्मोत्सव मनाया जाएगा जिसके लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां चल रही हैं। इस अवसर पर आने वाले श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। बरसाना के लाड़िली जी मंदिर सहित अन्य सभी मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया है। बरसाना, नन्दगांव तथा रावल में राधा जन्मोत्सव की तैयारियां चरम पर हैं।

एक मान्यता के अनुसार रावल को राधारानी का मूल जन्मस्थान माना जाता है। आज बरसाना के निकटस्थ ऊॅंचागांव में राधारानी की सबसे प्रिय सखी ललिता का जन्मदिन मनाया जा रहा है। बरसाना के अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) सतीश कुमार त्रिपाठी ने बताया, 'सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करते हुए पूरे मेला क्षेत्र को 7 जोन तथा 21 सेक्टरों में बांटा गया है। हर जोन में तीन सेक्टर होंगे। बरसाना की ओर आने वाले मार्गों पर 38 बैरियर एवं 19 पार्किंग स्थल बनाए गए हैं। मेले में 10 मोबाइल टॉयलेट तथा 20 पानी के टैंकर जगह-जगह तैनात रहेंगे।' 

एसपी (ग्रामीण) आदित्य कुमार शुक्ला ने बताया, 'सम्पूर्ण मेला क्षेत्र सीसीटीवी कैमरों की जद में रहेगा जिनका कण्ट्रोल रूम से नियंत्रण किया जाएगा। आवश्यकता के अनुसार अधिकारियों को भेजा जाएगा। मेले में करीब डेढ़ हजार पुलिसकर्मियों के साथ-साथ सादे कपड़ों में खुफिया पुलिस कर्मी तैनात रहेंगे।' 

गोवर्धन के उप जिलाधिकारी राहुल यादव ने बताया, 'मेले में किसी को भी बिना अनुमति भण्डारा नहीं लगाने दिया जाएगा। जिसे अनुमति दी जाएगी, उसे साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा, अन्यथा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।' 

उन्होंने बताया, 'मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग पर वन-वे व्यवस्था लागू रहेगी। इसलिए मंदिर और ब्रह्मांचल पर्वत की परिक्रमा करने वाले श्रद्धालु ध्यान रखें कि उन्हें दर्शन के लिए दोबारा सीढ़ियां चढ़कर जाना पड़ेगा। इसलिए वे पहले ही तय कर लें कि उन्हें पहले परिक्रमा करनी है, अथवा राधारानी के दर्शन करने हैं।'

टॅग्स :जन्माष्टमीभगवान कृष्णराधा कृष्ण
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठBhagwat Geeta: गीता की विचारधारा सदियों से मानवीय चिंतन को प्रभावित करती रही है?

पूजा पाठठाकुर जी की कृपा के बिना श्रीमद भागवत का श्रावण संभव नहीं: चारु लाडली

पूजा पाठमथुरा के बांके बिहारी मंदिर में बड़ा बदलाव, जगमोहन में प्रवेश और दर्शन पर रोक

पूजा पाठवृंदावन श्री बांके बिहारी मंदिरः घर बैठे ऑनलाइन दर्शन कीजिए?, 2026 में खुशखबरी, जानें कैसे करें रजिस्ट्रेशन

पूजा पाठGovardhan Puja: ब्रज में गोवर्धन पूजा लोक धर्म की स्थापना का विजय पर्व...

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठPanchang 04 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 04 December 2025: आज वित्तीय कार्यों में सफलता का दिन, पर ध्यान से लेने होंगे फैसले

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 03 December 2025: आज इन 3 राशि के जातकों को मिलेंगे शुभ समाचार, खुलेंगे भाग्य के द्वार