पौष पुत्रदा एकादशी 2023: इस व्रत को करने से मिलता है संतान सुख, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त विधि और महत्व
By रुस्तम राणा | Published: December 27, 2022 04:19 PM2022-12-27T16:19:21+5:302022-12-27T16:19:21+5:30
पौष पुत्रदा एकादशी व्रत 2 जनवरी को रखा जाएगा। यह नए साल का पहला एकादशी व्रत होगा। पौष पुत्रदा एकादशी को वैकुंठ एकादशी के नाम से जाना जाता है। पौष मास शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है।
Paush Putrada Ekadashi 2023: पौष पुत्रदा एकादशी व्रत हर साल हिन्दू पंचांग के अनुसार, पौष मास शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। हिन्दू धर्म में हर एक व्रत का अपना अलग महत्व होता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, पौष पुत्रदा एकादशी व्रत करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
इस बार पौष पुत्रदा एकादशी व्रत 2 जनवरी को रखा जाएगा। यह नए साल का पहला एकादशी व्रत होगा। पौष पुत्रदा एकादशी को वैकुंठ एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन विधि-विधान से जगत के पालनहार भगवान विष्णु जी की आराधना की जाती है।
पौष पुत्रदा का शुभ मुहूर्त
पौष पुत्रदा एकादशी तिथि का आरंभ- 01 जनवरी 2023, शाम 7:12 बजे से
पौष पुत्रदा एकादशी तिथि का समापन- 02 जनवरी 2023, रात 8:24 बजे तक
पौष पुत्रदा एकादशी व्रत विधि
एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
इसके बाद भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण के बाल रूप की पूजा करें।
साथ ही नहाकर भगवान शंकर और लक्ष्मी की उपासना करें।
शिवजी को गंगाजल से जलाभिषेक करें।
इस दिन गौ माता की सेवा करें।
इस दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
द्वादशी के दिन भगवान विष्णु को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें।
पारण के पश्चात गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।
पौष पुत्रदा एकादशी व्रत का महत्व
इस एकादशी के व्रत को संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले शादीशुदा जोड़े के लिए बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि यदि कोई इस व्रत को नियम और विधि-विधान से करता है तो जल्द ही उसे संतान सुख की प्राप्ति होती है। यही नहीं इस व्रत को करने वालों के संतान का स्वास्थ्य भी सदैव अच्छा बना रहता है। इसके अतिरिक्त यह व्रत करने वालों की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और लंबे समय से रुके हुए कार्य की पूर्ति भी होती है।