पंचक: शनिवार 22 जून से लगने जा रहा है मृत्यु पंचक, न करें ये काम, अगर घर बना रहे हैं तो रखें इस बात का ध्यान

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 21, 2019 03:27 PM2019-06-21T15:27:13+5:302019-06-21T15:27:13+5:30

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पंचक काल में कई कार्यों को करने की मनाही होती है। इसमें दक्षिण दिशा की ओर यात्रा नहीं करने की बात सबसे महत्वपूर्ण है।

panchak from 22 june 2019 know all about what to do and what not during this period | पंचक: शनिवार 22 जून से लगने जा रहा है मृत्यु पंचक, न करें ये काम, अगर घर बना रहे हैं तो रखें इस बात का ध्यान

शनिवार 22 जून से मृत्यु पंचक

Highlights22 जून से 27 जून के बीच इस महीने लग रहा है पंचकचंद्रमा के धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र से गुजरने के दौरान लगता है पंचकपंचक काल में कई कार्यों को करने की मनाही होती है, आप भी रखें ध्यान

आर्द्रा नक्षत्र में 22 जून से सूर्य के प्रवेश के साथ ही इसी दिन से पंचक भी लगने जा रहा है। चूकी 22 जून का दिन शनिवार का है इसलिए यह मृत्यु पंचक है। वैसे भी वैदिक ज्योतिष को हमारे देश में काफी महत्व दिया जाता है। माना जाता है कि ग्रहों और नक्षत्रों की चाल का हमारे जीवन पर काफी प्रभाव पड़ता है। इसमें पंचक बेहद अहम हो जाता है। पंचक के दौरान कई शुभ कार्यों को करने से मना किया जाता है। इस बार जून-2019 में पंचक 22 जून प्रातः 7.39 से लग रहा है और यह 27 जून प्रातः 7.44 तक रहेगा।

क्या होता है पंचक

वैदिक ज्योतिष के अनुसार पांच नक्षत्रों के विशेष मेल से बनने वाले योग को पंचक कहा जाता है। चंद्रमा एक राशि में ढाई दिन रहता है। इस तरह दो राशियों में चंद्रमा पांच दिनों तक रहता है। इन्हीं पांच दिनों के दौरान चंद्रमा जब आखिरी पांच नक्षत्रों धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती से होकर गुजरता है तो इन पांच दिनों को पंचक कहते हैं। बता दें कि कुल 27 नक्षत्र होते हैं। इस में आखिरी पांच को दूषित माना गया है।

पंचक के प्रभाव दिन के हिसाब से अलग-अलग

वैदिक ज्योतिष के अनुसार दिन के हिसाब से सभी पंचक का प्रभाव अलग-अलग होता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि पंचक की शुरुआत किस दिन से हुई है। अगर पंचक की शुरुआत रविवार से होती है तो उसे रोग पंचक कहते हैं, ऐसे ही शनिवार से शुरू होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है। 

सोमवार से शुरू हुए पंचक को राजपंचक, मंगलवार को अग्नि पंचक, बुध और गुरुवार को अशुभ जबकि शुक्रवार को चोर पचंक कहा जाता है। मान्यता है कि पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा से बचना चाहिए। इसे यम यानी मृत्यु की दिशा के तौर पर जाना जाता है। इसलिए इस दिशा में पंचक में यात्रा से हानि की आशंका रहती है।

पंचक में न करे ये काम

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पंचक काल में कई कार्यों को करने की मनाही होती है। इसमें दक्षिण दिशा की ओर यात्रा नहीं करने की बात सबसे महत्वपूर्ण है। इसके अलावा घर के निर्माण के समय पंचक काल में छत नहीं डाला जाना चाहिए। इस नुकसान और घर में क्लेश का वातावरण रहता है।

इसके अलावा पंचक काल में धनिष्ठा नक्षत्र के समय घास, लकड़ी, कंडे या किसी अन्य प्रकार ईंधन को एकत्र करने या इसके भंडारण से बचना चाहिए। साथ ही इस दौरान सोने के लिए स्थान जैसे पलंग बनवाना, पलंग खरीदना, बिस्तर आदि खरीदना भी वर्जित रहता है। 

पंचक में मृत्यु हो तो...

पंचक में मृत्यु को शुभ नहीं माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान किसी की मृत्यु होने पर घर के अन्य सदस्यों पर भी ऐसा संकट मंडराता रहता है। इसलिए, इससे बचने के लिए कुछ उपाय भी हैं। दरअसल, जिस शख्स की मृत्यु पंचक में होती है, उसके दाह-संस्कार के समय पांच पुतले बनाकर उसका भी शव के साथ दाह करना चाहिए। इससे परिवार पर पंचक दोष समाप्त होता है।

बता दें कि पंचक हर 27 दिन में आता है। इस लिहाज से जुलाई में इस बार पंचक 19 तारीख से लगेगा। 19 जुलाई को दोपहर 2.58 से शुरू होने वाला पंचक 24 जुलाई दोपहर 3.42 तक रहेगा।

Web Title: panchak from 22 june 2019 know all about what to do and what not during this period

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