Navratri 7th Day Maa Kalratri: नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि को चढ़ाएं ये खास फूल, लाइलाज बीमारी से मिलेगा छुटकारा
By मेघना वर्मा | Published: October 4, 2019 06:02 PM2019-10-04T18:02:18+5:302019-10-04T18:02:18+5:30
Navratri 7th Maa Kalratri Puja Vidhi:कालरात्रि का ये दिन आपके लिए बेहद फलदायी साबित हो सकता है। नवरात्रि के इस दिन पर आप मां की सेवा करके दिमागी शांति का अनुभव करेंगे।
नवरात्रि का पावन अवसर पूरे देश में धूम से मनाया जा रहा है। आज नवरात्रि का सातवां दिन मां कालरात्रि को समर्पित माना जाता है। धर्म की मानें तो मां दुर्गा का ये रूप धरती पर बुरी शक्तियों से बचाने के लिए और पाप को फैलाने से रोकने के लिए उत्पन्न हुआ था। कहते हैं इनकी पूजा मन से की जाए तो लोगों को उनके मनदायी फल मिलता है। सिर्फ यही नहीं कालरात्रि पूजा, तंत्र साधना करने वालों के बीच भी फेमस है। माना जाता है कि कालरात्रि दुष्टों का नाश करती हैं।
मां के स्वरूप की बात करें तो उनका शरीर काला है। बाल बिखरे हुए हैं। गले में माला है। माता के चार हाथ हैं और एक हाथ में कटार है। मां कालरात्रि के तीन नेत्र हैं। इनकी सवारी गर्दभ या गधा है। मां कालरात्रि, शनि ग्रह पर भी राज करती हैं। इसलिए जिन लोगों का शनि खराब है वो भी मां कालरात्रि की पूजा करना चाहिए।
मां को चढ़ाएं ये खास फूल
मां कालरात्रि की पूजा करने के लिए खास चमेली के फूलों का इस्तेमाल किया जाता है। वैसे तो आप मां कालरात्रि की पूजा के लिए आप किसी भी फूल का उपयोग कर सकते हैं मगर शास्त्रों की मानें तो चमेली के फूलों से मां की सेवा करना ज्यादा फलदायी होता है।
खास बात ये है कि कालरात्रि की पूजा की शुरूआत आप गणेश पूजा से करें उसके बाद मां कालरात्रि की पूजा करें। बाद में मां कालरात्रि की आरती जरूर करें।
मिल सकता है लाइलाज रोगों से छुटकारा
कालरात्रि का ये दिन आपके लिए बेहद फलदायी साबित हो सकता है। नवरात्रि के इस दिन पर आप मां की सेवा करके दिमागी शांति का अनुभव करेंगे। चूंकी ये दिन शनि ग्रह से भी जुड़ा हुआ है तो आपके ऊपर आने वाली बला को भी मां कालरात्रि टाल देती हैं। वहीं शास्त्रों की मानें तो नवरात्रि के सातवें दिन पूजा करने से आप लाइलाज बीमारी से भी छुटकारा पा सकते हैं।