Navratri 4th Day, Kushmanda Puja: नवरात्रि का आज चौथा दिन, जानें कैसे करें माता कूष्मांडा की पूजा और क्या लगाएं भोग
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 2, 2019 09:48 IST2019-10-02T09:46:53+5:302019-10-02T09:48:22+5:30
Navratri 4th Day, Kushmanda Puja: माता को लाल रंग बहुत प्रिय है। ऐसे में शारदीय नवरात्र के चौथे दिन माता कूष्मांडा की पूजा लाल रंग के फूल से करें। पूजा के दौरान 'ऊं देवी कूष्माण्डायै नमः' मंत्र का जाप करें।

आज नवरात्रि के चौथे दिन करें माता कूष्मांडा की पूजा
Navratri 2019: शारदीय नवरात्रि का आज चौथा दिन है। इस दिन देवी के चौथे रूप माता कूष्मांडा की पूजा की जाती है। मान्यता है कि माता कूष्मांडा की पूजा से कष्ट और विपदाओं से मुक्ति मिलती है। माता के 8 हाथ हैं। माता ने चार दाएं हाथों में कमंडल, धनुष, बाण और कमल धरण किया हुआ है। वहीं, उनके बाएं हाथ में अमृत कलश, जप माला, गदा और चक्र है। देवी कूष्मांडा का निवास सूर्यमंडल के अंदर के लोक को माना गया है। मान्यता है कि वहां निवास कर सकने की क्षमता और शक्ति केवल देवी के इसी स्वरूप में है। मां का वाहन सिंह है।
Navratri 4th Day, Kushmanda Puja: कैसे करें माता की पूजा और क्या भोग लगाये
माता को लाल रंग बहुत प्रिय है। ऐसे में शारदीय नवरात्र के चौथे दिन माता कूष्मांडा की पूजा लाल रंग के फूल से करें। पूजा के दौरान 'ऊं देवी कूष्माण्डायै नमः' मंत्र का जाप करें। हर दिन की तरह इस दिन भी प्रात:काल में स्नानादि से निवृत होने के बाद मां दुर्गा के कुष्मांडा स्वरूप की विधिवत पूजा करें। पूजा में लाल रंग के पुष्प के साथ-साथ, सिंदूर, धूप, गंध, अक्षत् आदि जरूर मां को अर्पित करें। इसके बाद देवी को दही और हलवा का भोग लगाएं। माता कूष्मांडा की पूजा के दौरान इस स्तुति- 'या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः' का भी जाप करें।
वैसे, संस्कृत में कूष्मांड कुम्हरे या फिर कद्दू को कहा जाता है। ब्रह्मांड को कुम्हरे के समान ही माना गया है जिसके चारो ओर एक आवरण है। माता ब्रह्मांड के मध्य में निवास करती हैं। इसलिए ऐसी भी मान्यता है कि माता कूष्मांडा को कुम्हरे की बलि प्रिय है। माता को कुम्हरे से बने पेठा का भी भोग लगाना चाहिए।
Navratri 4th Day, Kushmanda Puja: माता कूष्मांडा की पूजा से क्या मिलता है लाभ
मान्यताओं के अनुसार माता कूष्मांडा की पूजा करने से ग्रहों के राजा सूर्य के दोषों से मुक्ति मिलती है। धन लाभ, आरोग्यता, शक्ति, प्रतिष्ठा भी साधक को हासिल होती है। यही नहीं, नेत्र, केश, मस्तिष्क, हृदय, मेरूदंड, सिर, उदर, रक्त, पित्त, अस्थि रोगों से मुक्ति मिलती है। लाल पुष्प और गुलाब का फूल अवश्य चढ़ाएं। संतान की इच्छा रखने वाले लोगों को भी देवी के इस स्वरूप की पूजा अवश्य करनी चाहिए। विवाहित लोगों के लिए माता की पूजा बहुत कल्याणकारी मानी गई है। इससे घर में हमेशा खुशियां बनी रहती हैं और दुखों का नाश होता है।