हिन्दू धर्म में नवरात्रि पर्व का काफी महत्व है। पूरे देश में लोग इस पर्व को बड़े धूम-धाम से मनाते हैं। इस साल यह नवरात्रि 29 सितंबर से शुरु होने वाली है। इस दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में फैले हुए मां दुर्गा के प्रसिद्ध मंदिरों में भारी संख्या में भक्त आने लगते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं भारत के ऐसे चुनिंदा 8 मंदिरों के बारे में जहां नवरात्रि के दौरान हर साल भक्तों की भीड़ उमड़ती है।
1. कोलकाता का दक्षिणेश्वर काली मंदिर (Dakshineswar Kali Temple, Kolkata) कोलकाता के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है दक्षिणेश्वर काली मंदिर। यहां पर नवरात्रि के दौरान हर साल भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। इस मंदिर की स्थापना के पीछे एक कहानी छुपी है। ऐसा कहा जाता है कि जान बाजार की महारानी रासमणि ने एक सपना देख था जिसमें उन्हें मां काली ने यह निर्देश दिया था कि मंदिर का निर्माण किया जाए। इसके बाद इस मंदिर का निर्माण सन 1847 में हुआ था।
2. गुवाहाटी का कामाख्या शक्तिपीठ (Kamakhya Temple, Guwahati)मां दुर्गा के सभी शक्तिपीठों में कामाख्या शक्तिपीठ को सर्वोत्तम कहा जाता है। यह मंदिर असम के पश्चिम में 8 किलो मीटर दूर नीलंचल पर्वत पर स्थित है। ऐसी मान्यता है कि इस जगह पर माता सती का योनि भाग गिरा था और उसी से कामाख्या महापीठ की उत्पत्ति हुई थी।
3. हरिद्वार का मनसा देवी मंदिर (Mansa Devi Temple, Haridwar, Uttarakhand)उत्तराखंड के हरिद्वार में स्थित मनसा देवी मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि यहां पर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इसलिए इस मंदिर का नाम मनसा देवी पड़ा। इस मंदिर में मौजूद पेड़ की शाखा पर भक्त पवित्र धागा बांधते हैं। मन्नत पूरी होने के बाद वो भक्त यहां वापस आकर धागे को खोलते हैं। नवरात्रि पर यहां भक्तों का तांता लगा रहता है।
4. राजस्थान का करणी माता मंदिर (Karni Mata Temple, Bikaner, Rajasthan)राजस्थान में मौजूद मां करणी देवी का विख्यात मंदिर देश के तीरथ धाम में से एक है। ये मंदिर राजस्थान के बीकानेर से लगभग 30 किलोमीटर दूर जोधपुर रोड पर गांव देशनोक की सीमा में स्थित है। इस मंदिर को देश-दुनिया में लोग चूहे वाले मंदिर के नाम से भी जानते हैं।
5. नैनीताल का नैना देवी मंदिर (Naina Devi Temple, Nainital)नैनीताल के नैना देवी मंदिर में मां दुर्गा के सती शक्ति रूप की पूजा होती है। यह मंदिर नैनीताल में नैनी झील के उत्तरी किनारे पर स्थित है। साल 1880 में आए भूस्खलन से ये मंदिर नष्ट हो गया था लेकिन बाद में इसे दोबारा बनाया गया था।
6. हिमाचल प्रदेश का ज्वाला देवी मंदिर (Jwala Devi Temple, Himachal Pradesh)मां ज्वाला देवी तीर्थ स्थल को मां दुर्गा के 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। शक्तिपीठ वह स्थान कहलाते हैं जहां-जहां भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र से कटकर माता सती के अंग गिरे थे। शास्त्रों के अनुसार ज्वाला देवी में सती की जिह्वा गिरी थी। यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में कालीधार पहाड़ी के बीच स्थित है। यहां हर साल नवरात्रि के दौरान भक्तों की भारी संख्या में भीड़ इकट्ठा होती है।