Navratri 2019: इस बार नवरात्रि पर बन रहे हैं ये 8 गजब के संयोग, भक्तों पर बरसेगी मां दुर्गा की कृपा
By ज्ञानेश चौहान | Published: September 27, 2019 09:13 AM2019-09-27T09:13:20+5:302019-09-27T09:13:57+5:30
देवी भागवत पुराण में बताए गए नियम के मुताबिक इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं जो कि अच्छी वर्षा और उन्नत कृषि का सूचक है। ये बात तो खुशी की है ही साथ ही इस बार नवरात्र में 8 बेहद शुभ संयोग भी बन रहे हैं जो कि साधकों और माता के भक्तों के लिए शुभ होने वाले हैं।
नौ देवियों यानि नौ शक्तियों की अराधना का पर्व नवरात्रि 29 सितंबर से आरंभ होने वाला है। देवी भागवत पुराण में बताए गए नियम के मुताबिक इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं जो कि अच्छी वर्षा और उन्नत कृषि का सूचक है। ये बात तो खुशी की है ही साथ ही इस बार नवरात्र में 8 बेहद शुभ संयोग भी बन रहे हैं जो कि साधकों और माता के भक्तों के लिए शुभ होने वाले हैं। ये 8 शुभ संयोग कौन-कौन से हैं इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बता रहे हैं...
कलश स्थापना के दिन पहला संयोग
नवरात्रि का आरंभ 29 सितंबर से है और इस दिन कलश स्थापना भी होनी है। इस कलश स्थापना के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और द्विपुष्कर नामक शुभ योग बन रहा है। यानि नवरात्रि के आरंभ में ही ऐसे शुभ संयोग का होना इस नवरात्रि को खास बना रहे हैं।
कलश स्थापना के दिन शुक्र ग्रह का उदय होना दूसरा संयोग
इस नवरात्रि पर कलश स्थापना के ही दिन सुख समृद्धि के कारक ग्रह शुक्र का उदय होना बेहद शुभ फलदायी माना जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि शुक्रवार का संबंध देवी लक्ष्मी से होता है। शुक्र का उदित होना भक्तों के लिए सुख-समृद्धि दायक है। इस नवरात्रि पर मां दुर्गा की उपासना करके आर्थिक परेशानियों को दूर किया जा सकता है।
हस्त नक्षत्र का होना तीसरा संयोग
इस साल नवरात्र का आरंभ हस्त नक्षत्र में होने जा रहा है। इस नक्षत्र में ही कलश बैठाया जाएगा। हस्त नक्षत्र को 26 नक्षत्रों में 13वां और शुभ माना गया है। इसके स्वामी ग्रह चंद्रमा हैं। इस नक्षत्र को ज्ञान, मुक्ति और मोक्ष प्रदान करने वाला माना गया है। इस नक्षत्र में कलश में जल भरकर पूजा का संकल्प लेना शुभ फलदायी माना गया है।
इस बार नवरात्रि पूरे 9 दिन की होना चौथा संयोग
इस बार नवरात्रि 9 दिनों की है और दसवें दिन मां दुर्गा के विसर्जन के साथ ही नवरात्रि का समापन होगा। ऐसा माना जाता है कि ऐसा होना दुर्लभ संयोग होता है क्योंकि कई बार तिथियों का क्षय हो जाने से नवरात्र के दिन कम हो जाते हैं। लेकिन इस बार पूरे 9 दिनों की पूजा होगी और 10 वें दिन देवी की विदाई होगी।
दो सोमवार और रविवार का होना पांचवां संयोग
इस नवरात्रि पर दो सोमवार और दो रविवार पड़ रहे हैं जो कि शुभ फलदायी माने जा रहे हैं। पहले सोमवार को देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा होगी और अंतिम सोमवार को महानवमी के दिन सिद्धिदात्री की पूजा होगी। नवरात्र में दो सोमवार का होना शुभ फलदायी माना गया है।
अमृत सिद्धि योग का होना छठवां संयोग
इस साल नवरात्रि में दूसरे और चौथे दिन की पूजा पर अमृत सिद्धि शुभ योग बन रहा है। नवरात्रि के दूसरे दिन 30 सितंबर और चौथे दिन 2 अक्टूबर है।
तीन दिन रवियोग सातवां संयोग
इस नवरात्रि के तीसरे, छठवें और सातवें दिन रवियोग बन रहा है। नवरात्रि में तीन दिन रवियोग बनना काफी शुभ माना जा रहा है। नवरात्रि का तीसरा दिन 1 अक्टूबर, छठवां दिन 4 अक्टूबर और सातवां दिन 5 अक्टूबर को पड़ रहा है।
नवरात्रि पर 4 सर्वार्थ सिद्धि योग होना आठवां संयोग
इस साल की नवरात्र इसलिए भी खास है क्योंकि इस बार पूरे नवरात्र के दौरान 4 सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं। ये योग 29 सितंबर, 2, 6 और 7 अक्टूबर को बन रहे हैं। इन दिनों में साधकों को सिद्धि प्राप्त करने के पर्याप्त अवसर मिल रहे हैं। इस दौरान सभी शुभ काम शुरू कर सकते हैं।