Mauni Amavasya 2022: मौनी अमावस्या कल, अभी जान लें शुभ मुहूर्त, व्रत नियम और महत्व

By रुस्तम राणा | Published: January 31, 2022 02:07 PM2022-01-31T14:07:39+5:302022-01-31T14:13:11+5:30

इस बार मौनी अमावस्या के दिन पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए दान पुण्य के कार्य किए जाते हैं। सिद्धि योग सुबह 07.10 बजे तक है। इसके बाद व्याघृत योग लगेगा।

Mauni Amavasya 2022 Date muhurat vrat vidhi and importance of Mauni Amavasya | Mauni Amavasya 2022: मौनी अमावस्या कल, अभी जान लें शुभ मुहूर्त, व्रत नियम और महत्व

Mauni Amavasya 2022: मौनी अमावस्या कल, अभी जान लें शुभ मुहूर्त, व्रत नियम और महत्व

Mauni Amavasya 2022: इस साल मौनी अमावस्या कल 1 फरवरी मंगलवार को है। इस दिन मौन व्रत धारण किया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान और फिर दान करने से बहुत पुण्य मिलता है। इस दिन पितरों को तर्पण करने की भी परंपरा है। मौनी अमावस्या के दिन पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए दान पुण्य के कार्य किए जाते हैं।

बन रहा है दर्लभ संयोग

मौनी अमावस्या के दिन ग्रहों का दुर्लभ संयोग बन रहा है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन चंद्रमा श्रवण नक्षत्र में है और चार ग्रह सूर्य, बुध, चंद्र व शनि मकर राशि में महासंयोग बना रहे हैं। मान्यता है कि इस शुभ संयोग महोदय योग में कुंभ में डुबकी और पितरों का पूजन करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन सिद्धि योग सुबह 07.10 बजे तक है। इसके बाद व्याघृत योग लगेगा।

मौनी अमावस्या मुहूर्त 

मौनी अमावस्या की तिथि आरंभ: 31 जनवरी, सोमवार, रात्रि  02: 18 मिनट से 
मौनी अमावस्या की तिथि समाप्त: 01 फरवरी, मंगलवार प्रातः 11: 15 मिनट तक

मौनी अमावस्या व्रत नियम

सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए।
यदि घर पर स्नान कर रहे हैं तो नहाने के जल में गंगा जल डालकर स्नान करना चाहिए।
सूर्योदय के समय सूर्य भगवान को अर्घ्य देना चाहिए। 
इसके बाद अनाज, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, घी आदि का दान करना चाहिए। 
गाय को खाना खिलाना चाहिए।
पितरों के निमित्त तर्पण करना चाहिए। 
तत्पश्चात दान-पुण्य के कार्य करना चाहिए।

मौनी अमावस्या का महत्व

हिंदू धार्मिक शास्त्रों में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है। कहते हैं मुख से ईश्वर का जाप करने से जितना पुण्य मिलता है, उससे कई गुना ज्यादा पुण्य मौन रहकर जाप करने से मिलता है। मौनी अमावस्या के दिन अगर दान से पहले सवा घंटे तक मौन रख लिया जाए तो दान का फल 16 गुना अधिक बढ़ जाता है और मौन धारण कर व्रत व्रत का समापन करने वाले को मुनि पद की प्राप्ति होती है। मौन रहकर स्नान दान करने से व्रती के जन्मों जन्मों के कष्ट मिट जाते हैं।

Web Title: Mauni Amavasya 2022 Date muhurat vrat vidhi and importance of Mauni Amavasya

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