मलमास आज से, भूल से भी ना करें ये काम, इस मंत्र के जाप से होगी कृपा
By गुलनीत कौर | Published: May 16, 2018 08:22 AM2018-05-16T08:22:26+5:302018-05-16T08:22:59+5:30
16 मई बुधवार से ज्येष्ठ महीने में अधिमास, जिसे लोक भाषा में मलमास कहते हैं, वह प्रारंभ हो जायेगा।
16 मई 2018 को 'मलमास' लग रहा है जो कि अगले महीने की तारीख 13 जून तक चलेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह एक अशुभ महीना होता है जिसके दौरान मंगल कार्य करना वर्जित माना गया है। 15 मई को भौमवती अमावस्या के अगले दिन से मलमास या अधिमास लग रहा है।
ज्योतिर्विद पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली के अनुसार साल 2018 में 1 मई से ज्येष्ठ का महीना आरम्भ हुआ, लेकिन इसकी समाप्ति 28 जून को होगी। 16 मई बुधवार से ज्येष्ठ महीने में अधिमास, जिसे लोक भाषा में मलमास कहते हैं, वह प्रारंभ हो जायेगा। यह अधिमास 13 जून दिन बुधवार को समाप्त होगा। इसकी समाप्ति के बाद ही फिर से ज्येष्ठ माह लग जाएगा जिसकी आखिरी तारीख 28 जून होगी।
पं दिवाकर त्रिपाठी बता रहे हैं कि इस अधिमास के दौरान कुछ कार्यों को करने से सख्त बचना चाहिए। जैसे कि मांगलिक और शुभ कार्यों पर विराम लगाएं। शादी-ब्याह, गृहप्रवेश, नए बिज़नेस की शुरुआत, आदि काम 13 जून तक टाल दें। शास्त्रों में अधिमास या मलमास को भगवान पुरुषोत्तम का महीना भी कहते हैं। इस पूरे माह में भगवान विष्णु की अराधना करने से कृपा बनी रहती है।
क्या है मलमास?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मलमास के महत्वपूर्ण महीना होता है, परंतु यह हर साल नहीं आता है। मलमास का महीना हर तीन साल बाद आता है। सूर्य के राशि परिवर्तित करने पर ही मलमास निर्भर करता है। एक वर्ष में 12 महीने और ज्योतिष की 12 ही राशियाँ होती हैं। परंतु जब दो पक्षों में भी सूर्य राशि परिवर्तित नहीं करते हैं तो मलमास लग जाता है। यह स्थिति ज्योतिष की राय में 32 माह 16 दिनों में एक बार ही बनती है।
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मलमास में क्या करें, क्या ना करें
- मलमास के महीने में मांगलिक कार्यों से दूर रहना चाहिए, क्योंकि ये फलित नहीं माने जाते हैं
- इस दौरान किसी नए कार्य की शुरुआत करने से भी बचें। मलमास गुर्जरने के बाद ही कोई नया काम आरम्भ करें
- मलमास में भले ही शुभ काम नहीं किए जाते, परंतु यह महीना प्रभु उपासना के लिए श्रेष्ठ माना जाता है
- मान्यता है कि इस पूरे महीने में भगवान शिव की अराधना से विभिन्न लाबह होते हैं
- मलमास के महीने में इस मंत्र का जाप करें- गोवर्धनधरं वन्दे गोपालं गोपरूपिणम्। गोकुलोत्सवमीशानं गोविन्दं गोपिकाप्रियम्।।
- मंत्र जाप के अलावा संभव तो हो घर पर 'गीता पाठ' कराएं। परिवार में सुख-शांति और खुशियां पाएंगे