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महाशिवरात्रि 2018: शुभ संयोग में धारण करें 'रुद्राक्ष' माला, जानें सरल शास्त्रीय विधि

By गुलनीत कौर | Updated: February 13, 2018 14:24 IST

रुद्राक्ष धारण करने से पहले किसी ज्योतिष विशेषज्ञ से जान लें कि आपके कितने मुखी और कितने मनकों का रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

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हिन्दू धर्म में महाशिवरात्रि का पर्व बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दौरान शिव भक्तों में भरपूर उमंग देखने को मिलती है। महाशिवरात्रि आने के कुछ दिन पहले से ही शिव भक्त इस खास दिन की तैयारियों में जुट जाते हैं। कुछ लोग महा पाठ की योजना बनाते हैं तो कुछ व्रत आदि करके भगवान शिव को प्रसन्न करने का मन बना लेते हैं। लेकिन इसके अलावा भी शास्त्रों में एक सरल उपाय दर्ज है जिसके माध्यम से आप शिव कृपा पा सकते हैं। यह उपाय शिव रुद्राक्ष से जुड़ा है।

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रुद्राक्ष का महत्व

शिव भक्त, रुद्राक्ष की महत्ता से वंचित नहीं रहे हैं। प्रत्येक भक्त भगवान शिव की महिमा और उनके रुद्राक्ष के मनकों में समाई अपार शक्ति से भली-भांति परिचित है। भगवान शिव और रुद्राक्ष के गहरे संबंध को समझते हुए हम एक विशेष उपाय बताने जा रहे हैं जिसे आप इस महाशिवरात्रि अवश्य करें। मान्यता है कि इस उपाय को करने वाले भक्त को आने वाले कई वर्षों तक कोई कठिनाई नहीं होती है।

महाशिवरात्रि पर करें यह खास उपाय

उपाय के अनुसार महाशिवरात्रि के महापर्व पर विशेष संयोग बनते हैं। यह दिन शास्त्रों के अनुसार बेहद शुभ होता है और इस समय किए गए शुभ काम फलदायी होते हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं महाशिवरात्रि की सुबह रुद्राक्ष धारण करने की शास्त्रीय एवं सरल विधि। आगे बताए जा रहे नियमों का उसी क्रम में पालन करें:

रुद्राक्ष धारण करने की सरल विधि

रुद्राक्ष धारण करने से पहले किसी ज्योतिष विशेषज्ञ या किसी ज्ञानी पुरोहित से जान लें कि आपके कितने मुखी और कितने मनकों का रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। यदि आपकी कोई इच्छा है तो उसके अनुसार भी रुद्राक्ष धारण करना फलदायी होता है।

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- महाशिवरात्रि की सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करके अपना शरीर पवित्र कर लें। शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और बिल्वपत्र अर्पित करें।- इसके बाद रुद्राक्ष या रुद्राक्ष माला (जो भी आपने बनवाया है) को पहले कच्चे दूध से और फिर गंगाजल से धोकर पवित्र करें। - अब रुद्राक्ष या रुद्राक्ष माला पर चन्दन लगाएं और पंचाक्षरी या षडाक्षरी मंत्र ॐ नम: शिवाय का सही उच्चारण सहित 108 बार (एक माला) जाप करें। - ध्यान रहे कि मंत्र जाप की माला कम से कम एक होनी चाहिए। अधिकतम में आप 3 माला जाप कर सकते हैं। - जाप समाप्त होने के बाद रुद्राक्ष धारण कर लें। रुद्राक्ष शरीर के किस अंग पर धारण करना है यह भी महत्व रखता है। इसके लिए किसी विशेषज्ञ की राय ले लें। 

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