वैष्णो देवी की इस प्राचीन गुफा का दर्शन किया है आपने! मकर संक्रांति पर केवल दो घंटे के लिए खोला गया, उमड़ पड़ी भीड़

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 16, 2020 09:17 AM2020-01-16T09:17:41+5:302020-01-16T09:17:41+5:30

Maa Vaishno Devi: प्राचीन गुफा के बारे में कहा जाता है कि जब भैरवनाथ मातारानी का पीछा कर रहा था वह इसी गुफा के पास पहुंचा। इसी स्थान पर माता ने भैरवनाथ का वध किया था।

Maa Vaishno Devi ancient cave story, significance which got Open for only two hours on Makar Sankranti | वैष्णो देवी की इस प्राचीन गुफा का दर्शन किया है आपने! मकर संक्रांति पर केवल दो घंटे के लिए खोला गया, उमड़ पड़ी भीड़

वैष्णो देवी की इस प्राचीन गुफा मकर संक्रांति पर कुछ समय के लिए खोली गई (फाइल फोटो)

HighlightsMaa Vaishno Devi: माता वैष्णो देवी की प्राचीन गुफा मकर संक्रांति पर खोली गईकेवल दो घंटे के लिए खुली गुफा, भीड़ बढ़ने पर फिर बंद की गई

मकर संक्रांति के मौके पर इस बार आखिरकार मां वैष्णो देवी के भक्तों की मुराद पूरी हो गई। त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित वैष्णो देवी मंदिर की पुरानी और प्राकृतिक गुफा श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए बुधवार को खोल दी गई। गुफा के खुलने के बाद सबसे पहले मां वैष्णो देवी के मुख्य पुजारी ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच प्राचीन गुफा की विधिवत पूजा अर्चना की।

पूजा संपन्न होने के बाद श्रद्धालु कतारबद्ध होकर मां के दर्शनों के लिए प्राचीन गुफा के बाहर कतारों में खड़े हो गए। प्राचीन गुफा खोले जाने के बाद मुख्य पुजारी के साथ अन्य पुजारियों ने और फिर कतार में खड़े श्रद्धालुओं ने बारी-बारी उसमें प्रवेश किया और माता के दर्शन किये।

हालांकि, जैसे ही प्राचीन गुफा के खुलने की बात बाहर अन्य लोगों तक पहुंची, श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। बढ़ती भीड़ को देखते हुए श्राइन बोर्ड को गुफा के कपाट मजबूरन वापस बंद करने पड़े। दो घंटे में 1000 श्रद्धालुओं ने प्राचीन गुफा से दर्शन किये। 

केवल जनवरी-फरवरी में खुलती है प्राचीन गुफा

पुरानी गुफा केवल जनवरी और फरवरी के दौरान खोली जाती है जब भीड़ बहुत कम होती है। शेष महीनों में तीर्थयात्रियों को गर्भगृह तक पहुंचने के लिए नई गुफाओं से होकर गुजरना पड़ता है। हर साल मकर संक्रांति के बाद तीर्थयात्रियों के लिए यह प्राकृतिक गुफा खोली जाती है।

हालांकि, भीड़ के कारण इस बार इसे बहुत जल्द बंद करना पड़ा। पुरानी गुफा से दर्शन को लेकर ये परंपरा रही है कि जब भी दिन भर में आने वाले तार्थयात्रियों की संख्या 10 हजार से कम होती है, तभी इस प्राकृतिक गुफा को खोलने की अनुमति दी जाती है। 

मां वैष्णो देवी में प्रचीन गुफा का इतिहास

प्राचीन गुफा के बारे में कहा जाता है कि जब भैरवनाथ मातारानी का पीछा कर रहा था वह इसी गुफा के पास पहुंचा। इसी स्थान पर माता ने भैरवनाथ का वध किया था। भैरव का सिर घाटी पर जा गिरा था और शरीर यहीं गुफा के सामने पत्थर में बदल गया।

ऐसी मान्यता है कि मां वैष्णों देवी ने भैरवनाथ को ये वरदान दिया था कि भक्तों की यात्रा तभी पूरी होगी जब वे भैरवनाथ के शरीर के ऊपर से निकलकर माता के दर्शन करेंगे और फिर भैरव बाबा के दर्शन करेंगे।  भक्तों की बढ़ती भीड़ को देखकर 1977 में कृत्रिम गुफा का निर्माण किया गया था। आज श्रद्धालु इसी गुफा से होकर माता के दरबार में पहुंचते हैं। ऐसे में आम तौर पर प्राचीन गुफा के दर्शन भक्त नहीं कर पाते हैं।

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