इस साल (2019) का दूसरा चंद्र ग्रहण 16 और 17 जुलाई की रात को लगने जा रहा है। ऐसे में ग्रहों को लेकर कई दिलचस्प संयोग बन रहे हैं। 16 जुलाई को ही गुरु पूर्णिमा है और फिर अगले दिन यानी 17 जुलाई से श्रावन का पावन महिना शुरू हो रहा है। ऐसे में 149 सालों बाद ऐसा मौका बन रहा है जब गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। ज्योतिष के जानकारों के अनुसार चंद्र ग्रहण के समय राहु और शनि चंद्रमा के साथ धनु राशि में होंगे। इससे ग्रहण का प्रभाव और बढ़ेगा। साथ ही सूर्य और चंद्र चार विपरीत के ग्रह शुक्र, शनि, राहु और केतु के घेरे में रहेंगे।
Chandra Grahan: इससे पहले 1870 में बना था ऐसा संयोग
इससे पहले 1870 में ऐसा हुआ था जब गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण पड़ा था। उस साल तब 12 और 13 जुलाई के बीच की रात को चंद्र ग्रहण पड़ा था। उस समय भी चंद्रमा शनि, राहु और केतु के साथ धनु राशि में था। साथ ही सूर्य और राहु एक साथ मिथुन राशि में प्रवेश कर गए थे।
Chandra Grahan 2019: चंद्र ग्रहण का समय क्या होगा?
चंद्र ग्रहण 16 व 17 जुलाई की मध्य रात्रि के बाद शुरू होगा। भारत में चंद्रग्रहण का स्पर्श 16 जुलाई की देर रात 1.31 बजे शुरू होगा और ग्रहण का मध्य तीन बजे होगा। ग्रहण का मोक्ष तड़के 4.30 बजे होगा। पूरे भारत में देखा जा सकने वाले इस खंड ग्रास चंद्र ग्रहण की पूर्ण अवधि दो घंटे और 59 मिनट की होगी। भारत में चंद्र 17 जुलाई की सुबह 5.25 बजे अस्त होगा।
बता दें कि हिंदू मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण में 12 घंटे और चंद्र ग्रहण में 9 घंटे पहले से सूतक लग जाता है। इस लिहाज से चंद्र ग्रहण का सूतक 16 जुलाई को दिन में 4.30 बजे से शुरू हो जाएगा। इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिये जाते हैं और मूर्ति स्पर्श की मनाही होती है। इस ग्रहण को भारत सहित ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और एशिया के कई देशों में देखा जा सकेगा।