Kalashtami 2019: कालाष्टमी के दिन काले कुत्ते को खिला दें बस ये एक चीज, प्रसन्न हो जाएंगे कालभैरव
By मेघना वर्मा | Published: November 18, 2019 10:03 AM2019-11-18T10:03:34+5:302019-11-18T10:03:34+5:30
इस बार कालाष्टमी का यह व्रत नवंबर माह की 19 तारिख को पड़ रहा है। माना जाता है कि भैरव स भगवान शिव से ही प्रकट हुए थे। भैरव बाबा को भगवान शिव का ही रूप बताए जाते हैं।
हिन्दू पंचाग में कालभैरव को भगवान शिव का रूप बताया जाता है। कहा जाता है कि जिन पर कालभैरव प्रसन्न हो गए उन्हें जीवन में कोई कष्ट नहीं होता। कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को कालभैरवा की जयंती के रूप में मनाते हैं। जिसे कालाष्टमी का व्रत भी कहा जाता है। इस दिन भक्त कालभैरव के लिए पूजा करते हैं।
इस बार कालाष्टमी का यह व्रत नवंबर माह की 19 तारिख को पड़ रहा है। माना जाता है कि भैरव स भगवान शिव से ही प्रकट हुए थे। भैरव बाबा को भगवान शिव का ही रूप बताए जाते हैं। भैरव जयंती के दिन मां दुर्गा की पूजा का भी विधान है।
कालाष्टमी पर कालभैरव को मनाने के लिए कुछ विशेष उपाय हम आपको यहां बताने जा रहे हैं। जिन्हें आपको इस कालाष्टमी को जरूर करना चाहिए।
कब है कालाष्टमी
कालाष्टमी तिथि - 19 नवंबर
कालाष्टमी प्रारंभ - 3:35 PM
कालाष्टमी समाप्त - 1:41 PM (20 नवंबर)
कालाष्टमी पर करें ये 5 उपाय
1. कालाष्टमी की रात को उड़द के आटे की मीठी रोटियां बनाएं और उस रोटी पर तेल लगाएं। अब इसे किसी कुत्ते को खिला दें। कोशिश करें कि ये रोटी काले कुत्ते को ही खिलाएं। कहा जाता है कि इससे कालभैरव बहुत खुश हो जाते हैं।
2. कालाष्टमी को आप काल भैरव को सवा सौ ग्राम साबुत काली उड़द चढ़ाएं। इसके बाद 11 दाने अलग रख लें और ये दाने अपने कार्यस्थल पर रख लें। इससे आपको सफलता मिलेगी।
3. साबुत उड़त दाल, लाल फूल, लाल मिठाई शाम के समय भगवान कालभैरव को चढ़ा दें। इससे भी आपकी उन्नति होगी।
4. ऐसे भैरव मंदिर में जाएं जिसमें कम ही लोग जाते हो। रविवार की सुबह सिंदूर, तेल, नारियल, पुए और जलेबी लेकर वहां जाएं। भैरव नाथ का पूजन करें।
5. कालाष्टमी के दिन 5 से 7 साल तक के लड़कों को चने-चिरौंजी, तेल, नारियल, पुए और जलेबी का प्रसाद दें। इससे भी कालभैरव खुश होते हैं।